Belly fat
Belly fat अगर आप मोटापे से परेशान हैं और ओजेम्पिक और मौनजारो जैसी दवाएं लेने से बचना चाहते हैं तो SADI-S एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए 80% तक बॉडी फैट कम किया जा सकता है. हाल ही में न्यूयॉर्क की मशहूर प्लस-साइज़ इन्फ्लुएंसर रेमी बेडर ने ये सर्जरी करवाई है.
एक साल में कम किया 63 किलो वजन
रेमी बेडर अपने "रियलिस्टिक, प्लस-साइज़ ट्राय-ऑन वीडियोज़" के लिए सोशल मीडिया पर मशहूर हैं. हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने SADI-S नामक बैरिएट्रिक सर्जरी करवाई थी. इस सर्जरी के बाद उन्होंने एक साल से भी कम समय में करीब 140 पाउंड (लगभग 63 किलो) वजन कम कर लिया. हालांकि, इस कामयाबी के पीछे की हकीकत उतनी आसान नहीं थी. बेडर ने माना कि इस सर्जरी से गुजरना और उसके बाद की रिकवरी बेहद मुश्किल रही.
क्या है SADI-S सर्जरी?
सादी-एस एक नई तरह की बैरिआट्रिक सर्जरी है, जो क्लास-3 मोटापा होने पर की जाती है. SADI-S में दो प्रक्रियाओं को जोड़ा जाता है. स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और इंटेस्टाइनल बाईपास. इसमें मरीज के पेट का लगभग 80% हिस्सा हटा दिया जाता है, जिससे खाना कम मात्रा में खाया जा सके. साथ ही, छोटी आंत के पहले हिस्से (डुओडेनम) को काटकर नीचे के हिस्से से जोड़ा जाता है, जिससे शरीर में कैलोरी और पोषक तत्वों का अवशोषण घट जाता है.
वजन घटाने में कितना असरदार है SADI-S?
शोध बताते हैं कि SADI-S के बाद मरीज 5 साल में औसतन 87% अतिरिक्त वजन घटाते हैं और 10 सालों तक उसका 80% बनाए रखते हैं. कुछ मामलों में तो मरीजों ने पहले साल में ही 90% तक एक्स्ट्रा फैट यह सर्जरी टाइप-2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करने में मदद करती है.
क्या हैं इसके जोखिम?
हर बैरिएट्रिक सर्जरी की तरह SADI-S के भी कुछ रिस्क होते हैं जैसे कि पाचन संबंधी समस्याएं, अत्यधि पतलापन, डिहाइड्रेशन, गॉलब्लैडर स्टोन, और पैंक्रियाटाइटिस. बैरिएट्रिक सर्जरी कराने वाले मरीजों को जीवनभर विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट लेने पड़ते हैं ताकि शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहें. SADI-S सर्जरी के बाद ज्यादातर मरीज 2 से 4 हफ्तों में अपने रूटीन में लौट जाते हैं.