Céline Dion/ Céline Dion Instagram
Céline Dion/ Céline Dion Instagram मशहूर गायिका सेलीन डायोन की नई डॉक्यूमेंट्री "आई एम: सेलीन डायोन" के एक सीन में वो स्टिफ-पर्सन सिंड्रोम का अपना अनुभव साझा कर रही हैं. प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई इस डॉक्यूमेंट्री में 56 वर्षीय डायोन को फिजिकल थेरेपी सेशन के दौरान गंभीर ऐंठन से पीड़ित दिखाया गया है. एक टेबल पर लेटी डायोन फ्रीज हो जाती हैं और दर्द से कराहते हुए रोने लगती हैं.
डायोन ने 2022 में बताया था कि वो रेयर न्यूरोलॉजिकल डिजीज स्टिफ पर्सन सिंड्रोम से पीड़ित हैं. जिसमें दर्दनाक ऐंठन और चलने में कठिनाई होती है. डॉक्यूमेंट्री में डायोन ने खुलासा किया है कि वो 17 सालों से इसके लक्षणों के साथ जी रही हैं.
क्या होता है स्टिफ पर्सन सिंड्रोम
स्टिफ पर्सन सिंड्रोम ऑटो इम्यून और न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जोकि हर 1 मिलियन लोगों में से लगभग 1 या 2 को प्रभावित करती है. लक्षणों में शरीर और अंगों में अकड़न के साथ-साथ मांसपेशियों में गंभीर ऐंठन भी शामिल है. ऐंठन अचानक भी सकती है या तेज आवाज, स्पर्श या भावनात्मक तनाव की वजह से भी ट्रिगर हो सकता है.
कैसे होती है ये बीमारी
इस बीमारी से पीड़ित लोगों के दिमाग में GABA नाम के केमिकल की मात्रा कम होती है, जो चिंता और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के साथ-साथ मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करने में भूमिका निभाता है. GABA की कम मात्रा में ऐंठन हो सकती है जो मांसपेशियों को बहुत तनावपूर्ण बना देती है. ये ऐंठन किसी विशेष मांसपेशी से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल सकती है.
इसलिए जब कोई मरीज बहुत उत्तेजित हो जाता है, या फिर तनावग्रस्त हो जाता है, तो ये उसके लिए ट्रिगर हो सकता है और बाद में ऐंठन पूरे शरीर में शुरू हो जाती है. जब ये होती है तो मरीज के लिए बेहद दर्दनाक साबित होती है. ये ऐंठन कई सेकंड या मिनट तक रह सकती है, कई मामलों में ये लंबे समय तक बनी रह सकती है.
क्या है stiff-person syndrome का इलाज
stiff-person syndrome का कोई इलाज नहीं है, डॉक्टर्स दवाईयों के जरिए इसके लक्षणों में कमी ला सकते हैं. कई मामलों में इम्यूनोथेरेपी लोगों की तकलीफ कम कर सकती है. फिजिकल और एक्वा थैरेपी भी मरीज को फौरी राहत पहुंचा सकती है. कुछ लोगों में इस बीमारी के कारण भी स्पष्ट नहीं हैं. हालांकि ये बीमारी बहुत दुर्लभ है. जिन लोगों में इसके लक्षण विकसित होते हैं, उनके शरीर में कुछ मांसपेशियों में ऐंठन के साथ इसकी शुरुआत हो सकती है या कभी-कभी बोलने, बात करने जैसी चीजों पर भी असर पड़ सकता है.