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Arthritis Pain: ठंड के दिनों में क्यों बढ़ जाता है गठिया का दर्द? जानें इसके लक्षण और इस बीमारी से बचाव के 19 उपाय 

Arthritis: ठंड के दिनों में गठिया यानी आर्थराइटिस का दर्द बढ़ने लगता है. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द इतना होता है कि सहना मुश्किल हो जाता है. आइए जानते हैं गठिया के लक्षण और इस बीमारी से बचने के सरल उपाय. 

Arthritis (symbolic photo) Arthritis (symbolic photo)

Why Does Arthritis Pain Increase in Winter: ठंड धीरे-धीरे पड़नी शुरू हो गई है. ठंड का महीना वैसे से अधिकांश लोगों को अच्छा लगता है लेकिन जो लोग गठिया यानी आर्थराइटिस (Arthritis) से पीड़ित हैं, उनके लिए यह मौसम काफी कष्टदायक होता है. जी हां, क्योकि ठंड के दिनों में गठिया का दर्द बढ़ जाता है. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द इतना होता है कि सहना मुश्किल हो जाता है. आइए जानते हैं गठिया के लक्षण और इस बीमारी से बचने के सरल उपाय. 

क्या है गठिया की बीमारी
गठिया जोड़ों की ऐसी बीमारी है, जिसको समय रहते ठीक न किया जाए तो मरीज को असहनीय दर्द की शिकायत हो सकती है. यह बीमारी गलत लाइफस्टाइल के कारण भी हो सकती है और जेनेटिक कारणों से भी. ऑटोइम्यून आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें रूमेटाइट आर्थराइटिस, ओस्टियो आर्थराइटिस और एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस मुख्य माने जाते हैं.

बुढ़ापे में लोग जोड़ों के दर्द का शिकार होते हैं तो इसकी वजह ओस्टियो आर्थराइटिस होती है. इस बीमारी में जोड़ों का घिसाव सिकुड़ जाता है और जोड़ों की हड्डियों को किनारों से कवर करने वाले टिश्यूज डैमेज हो जाते हैं. इस कारण हड्डियों के बीच होने वाले घृषण से दर्द की समस्या होती है. रूमेटाइड आर्थराइटिस वो समस्या है, जिसमें अपने ही शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र में कुछ गड़बड़ी होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता जोड़ों के टिश्यूज पर अटैक करने लगती है और रोगी को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. कई केसेज में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण भी आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है.

ठंड के दिनों में क्यों बढ़ जाता है गठिया का दर्द 
ठंड के दिनों में क्यों गठिया का दर्द बढ़ जाता है? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं. ठंड में तापमान काफी नीचे चला जाता है. ऐसे में हमारे शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे प्रभावित जोड़ों तक रक्त का संचार कम हो जाता है. यही वजह है कि जोड़ों में सूजन और अकड़न बढ़ जाती है. कम तापमान में जोड़ों के आस-पास का साइनोवियल फ्लूइड गाढ़ा हो जाता है, जो जोड़ों के लिए नेचुरल चिकनाई का काम करता है. इस गाढ़ेपन के कारण जोड़ों को हिलाने-डुलाने में अधिक दर्द होता है. इसके अलावा ठंड के दिनों में कई लोग योग और व्यायाम करना बंद कर देते हैं. शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं. इससे जोड़ों की अकड़न और बढ़ जाती है और दर्द तेज होने लगता है. 

गठिया के क्या हैं लक्षण
1. मांसपेशियों में दर्द रहना.
2. जोड़ों में दर्द की समस्या.
3. सामान्य मूवमेंट पर भी शरीर में असहनीय दर्द होना.
4. बार-बार बुखार आना.
5. हमेशा थकान और सुस्ती महसूस होना.
6. ऊर्जा के स्तर में गिरावट आना.
7. भूख की कमी हो जाना.
8. वजन का घटने लगना.
9. शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाना.
10. जोड़ों के पास की त्वचा पर गांठें बन जाना.

गठिया से बचाव के उपाय 
1. गठिया के दर्द से राहत पाने का घुटने व अन्य जोड़ों को गर्म रखें. हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल से सिकाई करें.
2. गुनगुने पानी से ही स्नान करें. इससे शरीर में अर्थराइटिस के दर्द को कम करने की क्षमता उत्पन्न होगी.
3. ठंड के दिनों में घर से बाहर निकलते समय जोड़ों को ऊनी कपड़ों और सपोर्ट से ढककर रखें.
4. वजन कम करें. यदि आपका वजन बढ़ जाता है तो ऐसे में आर्थराइटिस की समस्या और अधिक परेशान कर सकती है.
5. ठंड के कारण गतिहीनता जोड़ों की अकड़न को बढ़ाती है. ऐसे में रोज हल्का व्यायाम जरूर करें. 
6. गुनगुना पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहें. साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजों को खाएं. 
7. विटामिन डी के लिए धूप में जरूर बैठें. सुबह उठने के बाद सूर्य नमस्कार शरीर को लचीला बनाने में मदद कर सकता है.
8. जैतून के तेल से गठिया को मरीजों को जोड़ों की मालिश करनी चाहिए. इससे दर्द कम हो जाता है.
9. दर्द से राहत के लिए हल्दी और अदरक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय हैं. इनमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं.
10. रोजाना हल्दी वाला दूध या अदरक की चाय का सेवन करें. 
11. सोने जाने से पूर्व गठिया के रोगियों को जोड़ो पर सिरके से मसाज करनी चाहिए. ये भी दर्द को कम कर सकता है.
12. शोध से इन बातों का भी खुलासा हुआ है कि समुद्र के पानी से स्नान करने से भी अर्थराइटिस रोगियों के दर्द में आराम मिलता है.
13. अरंडी के तेल से मालिश करने पर भी गठिया के रोगियों को तीव्र दर्द से आराम मिलता है.
14. गठिया से पीड़ित लोगों को दवाओं के साथ-साथ अपनी दिनचर्या को भी सुधारने की जरूरत है.
15. दिन और रात के भोजन में हरी सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए.
16. सुबह और शाम व्हीट ग्रास जूस पीना फायदेमंद हो सकता है.
17. विटामिन और कैल्शियम के साथ शरीर में प्रोटीन की मात्रा की निगरानी भी रखें.
19. ध्यान रखें कि असहनीय दर्द होने पर घरेलू नुस्खों के बजाय डॉक्टर से संपर्क करें.