A photo showing coronavirus vaccine
A photo showing coronavirus vaccine भारत में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले बढ़ने लगे हैं. देश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 2311 हो गई है. इसके साथ ही JN.1 सब-वेरिएंट का खतरा भी देखने को मिल रहा है. केरल और गोवा में इसके मामले सामने आ रहे हैं. देश में बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मौजूदा वैक्सीन कोविड के इस वैरिएंट के लिए प्रभावी होगी? क्योंकि भारत के साथ-साथ दुनिया के बाकी देशों में भी जेएन-1 वैरिएंट को टार्गेट करने वाली वैक्सीन अभी विकसित नहीं हुई है.
टीका अभी भी काम कर रहा है
सीडीसी के अनुसार, टीके जेएन.1 संक्रमण को पूरी तरह से नहीं रोकते हैं, लेकिन उन्हें गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को कम जरूर कर सकते हैं. सिंगापुर के आंकड़ों से पता चलता है कि जिन लोगों को टीके की आखिरी खुराक एक साल से कम समय पहले मिली थी, उनमें गंभीर बीमारी विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में कम थी, जिन्हें टीका लिए हुए एक साल से ज्यादा समय हो गया था. इससे साफ है कि लोगों ने पहले जो टीका लिया है, वो अब भी काम कर रहा है.
वैक्सीन मौत रोकने में कारगर
एक्सपर्ट्स की मानें तो वैक्सीन का फायदा उन्हीं लोगों को होता जो ज्यादा खतरे की जद में हैं. अगर आपने बूस्टर डोज नहीं ली है तो ले सकते हैं. क्योंकि बूस्टर डोज कुछ महीनों तक कोविड से बचाव कर सकती है. कुछ समय पहले हुई आईसीएमआर की स्टडी में ये बात सामने आई थी कि वैक्सीन मौत रोकने में कारगर है और दो ज्यादा टीके लिए हैं तो जीवन रक्षा हो सकती है.
क्या मौजूदा टीके JN.1 के खिलाफ काम करेंगे?
भारत में उपलब्ध अधिकांश टीके SARs-cov-2 के Ancestral variant के खिलाफ विकसित किए गए थे और ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ भी टेस्ट किए गए और प्रभावी पाए गए हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पिरोला और जेएन.1 को उन मनुष्यों के सीरम के जरिए से निष्प्रभावी कर दिया गया था, जिन्हें कोविड संक्रमण था.या फिर जिन्होंने कोविड टीकाकरण कराया था लेकिन उन जानवरों के सीरम द्वारा निष्प्रभावी नहीं किया गया, जिनका वैक्सीनेशन किया गया था लेकिन उनमें प्राकृतिक रूप से कोविड संक्रमण नहीं था. डब्ल्यूएचओ के अनुसार मौजूदा टीके जेएन.1 और एसएआर-सीओवी-2 के दूसरे वैरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मौत से रक्षा करते हैं.
नए कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण
लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश और सिरदर्द शामिल हो सकते हैं. क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान लोगों को खास तौर पर सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. कोविड का नया वैरिएंट भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड, चीन सहित अलग-अलग देशों में फैल चुका है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घबराने की बहुत जरूरत नहीं है लेकिन, स्थितियों पर नजर जरूर रखना होगा.