Women Have A Higher Risk Of Alzheimer
Women Have A Higher Risk Of Alzheimer अल्जाइमर रोग एक मानसिक विकार है, जिसके कारण मरीज की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है और उसका असर दिमाग के कार्यों पर पड़ता है. हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इस मानसिक समस्या के शिकार होने का खतरा अधिक होता है.
साइंस एडवांस में 14 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक जिन महिलाओं की अल्जाइमर से मौत हुई उनके दिमाग में पूरक सी3 की मात्रा काफी ज्यादा थी. दरअसल महिलाओं में अल्जाइमर को बढ़ावा देने वाला प्रोटीन पुरुषों की तुलना में तेजी से जमा होने लगता है जो उन्हें इस बीमारी का शिकार बना देती हैं.
महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा ज्यादा क्यों?
टाऊ और बीटा-एमिलॉइड दो ऐसे प्रोटीन हैं जो अल्जाइमर रोगियों के मस्तिष्क में एकत्रित होने लगते हैं. शरीर में नियमित रूप से होने वाला एस्ट्रोजेन महिलाओं में रजोनिवृत्ति के दौरान कम हो जाता है, जो कि शरीर में कॉम्पोनेंट C3 को बनने से रोकता है. स्टडी के मुख्य प्रोफेसर ने बताया, हमारे निष्कर्ष यह बताते हैं कि कॉम्पोनेंट के रसायनिक मॉडिफिकेशन से अल्जाइमर को बढ़ावा मिलता है और कम से कम आंशिक रूप से तो यह जरूर समझा सकता है कि ये बीमारी खास तौर पर महिलाओं को ही क्यों प्रभावित करती है.
अल्जाइमर से कैसे करें बचाव?
अल्जाइमर, डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है. जोकि उम्र बढ़ने के साथ होती है, अकेले अमेरिका में लगभग छह मिलियन लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं. इसके लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना आदि शामिल हैं. वर्तमान में इस रोग से बचाव या इस बीमारी को गंभीर होने से रोकने की कोई दवा नहीं बनी है. अल्जाइमर का सही कारण अब तक ज्ञात नहीं है. हालांकि पाया गया है कि यह आनुवंशिक कारकों, डिप्रेशन, सिर की चोट, उच्च रक्तचाप, मोटापे के मरीजों में ज्यादा होता है. धूम्रपान से परहेज, सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम, पौष्टिक आहार लेकर आप इस बीमारी से कुछ हद तक बचे रह सकते हैं.