
फेफड़ों से जुड़ी बीमारी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है. फेफड़ों से जुड़ी इन बीमारियों को क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) कहा जाता है. हालांकि, अब ये केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं रह गई है. COPD कहीं न कहीं डिप्रेशन और एंग्जायटी को बढ़ाने का काम कर रही है. इसी को लेकर 15 नवंबर को हर साल COPD दिवस मनाया जाता है. यह दिन फेफड़ों के स्वास्थ्य पर शीघ्र ध्यान देने, समय पर पहचान करने और निवारक कार्रवाइयों करने का जोर डालता है. बता दें, COPD एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दा बना हुआ है, जो मौत का तीसरा प्रमुख कारण है.
क्या होता है COPD में?
COPD में एयरफ्लो ब्लॉकेज हो जाता है, जिससे लोगों को सांस लेने में मुश्किल होती है. कई मामलों में इसका इलाज भी नहीं हो पाता है. COPD के होने में वायु प्रदूषण का बड़ा योगदान है. हालांकि, सीओपीडी लाइलाज बीमारी है. ट्रीटमेंट से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. यह धीरे-धीरे बढ़ता है लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है. प्रभावी देखभाल से सीओपीडी वाले अधिकांश व्यक्तियों को लक्षणों को कम करने, जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और निमोनिया, फेफड़ों के कैंसर और दिल की बीमारी संबंधित समस्याओं की संभावना कम करने में मदद मिलती है.
सांस लेने में होती है परेशानी
सीओपीडी के लक्षणों में आमतौर पर सांस लेने में समस्या, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और रुक-रुक कर खांसी शामिल है. इसका कारण फेफड़ों का खराब होना है. सामान्य तौर पर, जैसे-जैसे सीओपीडी बिगड़ता है वैसे वैसे इसका खतरा और भी बढ़ने लगता है. इससे कई बार मौत भी हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सीओपीडी से सांस लेने में परेशानी होने लगती है और धीरे-धीरे ये ज्यादा बढ़ जाती है. हालिया शोध के मुताबिक, सीओपीडी में इंसान 3.2 साल से लेकर 11 साल तक जिंदा रह सकता है. इसलिए, इनहेलर लेने वाले मरीजों को इसे नियमित रूप से उपयोग करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा करने से धीरे-धीरे स्वास्थ्य में गिरावट को कम किया जा सकता है.
सीओपीडी मानसिक स्वास्थ्य को करता है प्रभावित?
सीओपीडी मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है. ये एंग्जायटी और डिप्रेशन को ट्रिगर करता है. सांस लेने में परेशानी कहीं न कहीं आपके मानसिक मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे भावनात्मक चुनौतियां बढ़ सकती हैं.
कैसे रखें अपने फेफड़ों का ध्यान?
-नियमित व्यायाम: फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम करें.
-टीकाकरण: सांस संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण के बारे में अपडेट रखें.
-नियमित जांच: शुरुआती जांच के लिए डॉक्टर के पास जाएं. खासकर अगर आप सीओपीडी या अस्थमा से जूझ रहे हैं तो.
-इन्हेलर और दवा को प्राथमिकता दें: फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए इनहेलर्स जरूरी होता है. चाहे वह नियमित या कभी-कभार उपयोग के लिए हो.
-दवा पर ध्यान दें: निर्देशानुसार लगातार दवा का सेवन करें.