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World Parkinson Disease Day : क्या है विश्व पार्किंसंस रोग दिवस, क्या हैं इसके लक्षण... जानिए इस ब्रेन डिसऑर्डर के बारे में सबकुछ

विश्व पार्किंसंस दिवस हर साल 11 अप्रैल को डॉ जेम्स पार्किंसन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने पार्किंसंस को एक चिकित्सा स्थिति के रूप में पहचाना. साल 1817 में 'एन एसे ऑन द शेकिंग पाल्सी' नामक एक लेख प्रकाशित किया गया.

World Parkinson Day World Parkinson Day
हाइलाइट्स
  • अब तक नहीं मिला है कोई इलाज

  • ओमेगा-3 सप्लीमेंट खाने से होगा फायदा

पार्किंसंस रोग (Parkinson Disease)को मैनेज करना बहुत कठिन है जितना आप सोच भी नहीं सकते. यह एक तरीके का मूवमेंट डिसऑर्डर है. आम आदमी आसानी से अपनी बात कहने के लिए अपनी आवाज या चेहरे के भावों का उपयोग कर सकता है लेकिन मस्तिष्क विकार वाले लोग उस तरह से संवाद करने में सक्षम नहीं होते हैं. कभी-कभी, यह समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि पार्किंसंस से पीड़ित लोग क्या कहना चाह रहे हैं, इसलिए हमें इस बीमारी के बारे में सब कुछ समझना चाहिए. विश्व पार्किंसंस रोग दिवस (World Parkinson’s Disease Day) पर आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.

पार्किंसंस रोग क्या है?
पार्किंसंस रोग एक तरीके से क्षमता घटने वाला रोग है जो तब होता है जब शरीर में न्यूरॉन्स धीरे-धीरे अपने आप मरने लगते हैं. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां बीमारी का कोई वास्तविक कारण नहीं पाया गया है. पार्किंसंस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में डोपामाइन सीक्रेट करने वाली कोशिकाएं अपने आप मरने लगती हैं.  इसके लक्षण धीरे-धीरे डेवलेप होते हैं जो रोगियों को दिन-प्रतिदिन के कार्यों को पूरा करने में मुश्किल बनाती है.

पार्किंसंस डिजीज एक मस्तिष्क से जुड़ा विकार है, जिसकी वजह से शरीर कई बार बेकाबू और आपे से बाहर हो जाता है. इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे शुरू होकर गंभीर रूप ले सकते हैं. इस बीमारी में हाथ या पैर से दिमाग में पहुंचने वाली नसें काम करना बंद कर देती हैं. यह आनुवंशिक कारण के साथ-साथ पर्यावरण विषमताओं की वजह से भी होता है. 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में यह बीमारी आम तौर पर देखी जा सकती है. 

क्या हैं इसके लक्षण?

  1. शरीर में आंशिक या पूर्ण रूप से जकड़न.
  2. धीमी चाल या व्यक्ति के दिन-प्रतिदिन के कार्यों जैसे लिखना, खाना खाना और जल्दी-जल्दी चलने में सक्षम ना होना. 
  3. चेहरा खाली या सुन्न लगने लग सकता है.
  4. अंगों और शरीर में कंपन का अनुभव होता है.
  5. व्यक्ति को संतुलन बनाने में कठिनाई होती है जिससे गिरने और चोट लगने का खतरा होता है.

क्या है इसका इलाज
अभी तक पार्किंसंस डिजीज का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, इस बीमारी का इलाज खोजने के लिए शोध चल रहा है. हो सकता है कि कोई स्थायी समाधान न हो, लेकिन उपचार के ऐसे विकल्प उपलब्ध हैं जो पार्किंसंस के रोगियों की मदद कर सकते हैं. दवा, फिजियोथेरेपी और चाल और संतुलन के लिए व्यायाम का उपयोग करके इलाज किया जाता है. एक दूसरे उपचार विकल्प में डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) मोडैलिटी शामिल है. लोग ओवर-द-काउंटर एंटासिड और अन्य दवाओं के अति प्रयोग को भी समाप्त कर सकते हैं.

इसके अलावा रोगी की वॉल्यूम और फ्लूएंसी को बढ़ाने के लिए स्पीच थेरेपी की भी मदद ली जा सकती है. चाल और संतुलन व्यायाम, और दैनिक चलने के साथ शारीरिक सहनशक्ति, और मांसपेशियों की छोटी-छोटी कसरत मदद कर सकती है. हाल के एक अध्ययन के अनुसार, नृत्य और संगीत पार्किंसंस रोग की प्रगति को धीमा करने में भी मदद कर सकते हैं. हालांकि, अलग-अलग उपचार व्यक्तिगत मामले के अध्ययन पर आधारित होते हैं. एक विकल्प सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, इसलिए कुछ भी अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

कैसे करें बचाव?
इसके अलावा डाइट में कुछ बदलाव लाकर भी इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है. कई तरह के फूड्स हैं, जो पार्किंसन के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, फिश ऑयल, विटामिन बी1, सी, डी से भरपूर चीजें इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को खाने के लिए देना चाहिए. कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन को बढ़ाने और न्यूरोडीजेनरेशन को रोकने में मदद कर सकता है.