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Zika virus Bengaluru: कर्नाटक में मच्छरों में मिला जीका वायरस, कैसे फैलता है ये वायरस? बचाव के लिए लोग क्या कर सकते हैं? जानिए

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस महेश ने कहा कि राज्य भर से लगभग 100 नमूने लिए गए थे. जिनमें से 6 नमूने चिक्काबल्लापुर से थे और उनमें से 5 निगेटिव थे. एक मामला पॉजिटिव आया है जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया.

हाइलाइट्स
  • मच्छरों में मिला घातक जीका वायरस

  • जीका वायरस से बचाव के उपाय

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चिक्काबल्लापुर जिले में मच्छर में घातक जीका वायरस का पता चलने के बाद कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है. वायरस का पता चलने के बाद बुखार के सभी मामलों का विश्लेषण किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य के 68 अलग-अलग स्थानों पर मच्छरों के शरीर में जीका वायरस की मौजूदगी का परीक्षण किया गया. अगस्त में चिक्काबल्लापुर से एक सेंपल जांच के लिए भेजा गया था जिसके बाद एक मच्छर में वायरस का पता चला था. 

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस महेश ने कहा कि राज्य भर से लगभग 100 नमूने लिए गए थे. जिनमें से 6 नमूने चिक्काबल्लापुर से थे और उनमें से 5 निगेटिव थे. एक मामला पॉजिटिव आया है जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया. अधिकारियों को प्रारंभिक चरण में संकट को कम करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.

जीका वायरस क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलता है. इसके मच्छर दिन में काटते हैं. एडीज मच्छर के काटने से डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी फैलती हैं.

1947 में युगांडा में सबसे पहले इस वायरस की पहचान की गई थी. यह वायरस रीसस मकाक बंदर में पाया गया था. लोगों में इस वायरस के संक्रमण का पहला मामला 1954 में नाइजीरिया में मिला. भारत में पहली बार 2016-17 में जीका वायरस के मामले मिले थे.

जीका वायरस के लक्षण
WHO ने  जीका वायरस के कुछ लक्षण बताए हैं:

  • शरीर पर रैशेस

  • बुखार

  • आंख आना

  • मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द

  • सिरदर्द

जीका वायरस से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. अगर लक्षण दिखते भी हैं, तो वे आम तौर पर संक्रमण के 3-14 दिनों बाद शुरू होते हैं और 2-7 दिनों तक रहते हैं. इस वायरस के संक्रमण के कारण बच्चों में मस्तिष्क का विकास नहीं हो पाता है. इतना ही नहीं सीडीसी के अनुसार जीका वायरस खून में एक वीक तक रहता है और ये यौन संबंध बनाने से भी फैलता है.

बचाव के उपाय

  • दिन में भी सोते समय मच्छरदारी का प्रयोग करें.

  • लंबी बाजू के कपड़े पहनें.

  • इंसेक्ट रेपेलेंट्स का इस्तेमाल करें.

  • किसी जगह पर पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर उसमें पनपते हैं.

  • घरों के दरवाजे खिड़कियां बंद रखें.