अंगदान को महादान कहा जाता है, लेकिन इसे लेकर लोगों में जागरूकता कम है। इस दिशा में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहल की है। उन्होंने एक कार्यक्रम में खुद अंगदान का संकल्प लिया। सेना प्रमुख और उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी ने मरने के बाद अपने अंगों को दान करने का वचन लिया। सेना प्रमुख के अनुसार, उनका यह कदम लोगों को अंगदान के लिए जागरूक और प्रेरित करेगा।