उपभोक्ता मंत्रालय जल्द ही होटल और रेस्टोरेंट के लिए नए नियम अनिवार्य कर सकता है, जिसके तहत उन्हें ग्राहकों को परोसे जा रहे पनीर के प्रकार (एनालॉग या पारंपरिक) की जानकारी देनी होगी. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच लिए गए पनीर के 83% सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे, जिनमें 40% खाने के लिए असुरक्षित पाए गए और उनमें स्टार्च, डिटर्जेंट, यूरिया जैसे हानिकारक तत्व मिले. एक वक्ता ने इसे 'अनफिट फॉर ह्यूमन कंसम्पशन' बताते हुए फ़ूड पॉइज़निंग, उल्टी, दस्त और किडनी व हार्ट पर दीर्घकालिक असर का खतरा बताया.