सूर्य को सनातन संस्कृति में साक्षात देव माना गया है और सूर्य नमस्कार मानव शरीर के लिए अत्यंत कल्याणकारी है. जिनका शरीर लचीला नहीं है, वे भी सूर्य नमस्कार का पूरा लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए पद्मासन या सुखासन में बैठकर, रीढ़ की हड्डी सीधी कर, सूर्य नमस्कार के सभी मंत्रों का एक-एक करके जाप करना चाहिए और फिर सूर्य देव से कृपा की प्रार्थना करनी चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार, "जैसे ही हम योग आसन करना शुरू करते हैं तो हम अपने चेतना से अपनी कान्शस्नस से अपने पूरे शरीर को नहला देते हैं और फिर हमारा पूरा शरीर प्राण वाण हो जाता है, चैतन्य हो जाता है."