मुंबई के पीडी हिंदुजा अस्पताल ने देश का पहला लिविंग विल क्लिनिक शुरू किया है. यह क्लिनिक मरीजों को गंभीर परिस्थितियों में अपने इलाज के फैसले खुद लेने की सुविधा देता है. लिविंग विल एक कानूनी दस्तावेज है जिसे मरीज पहले से तैयार कर सकते हैं. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि कोई मरीज गंभीर बीमारी या दुर्घटना के कारण बोलने या निर्णय लेने में असमर्थ हो जाए, तो उसका इलाज उसकी पूर्व निर्धारित इच्छाओं के अनुसार हो. यह विल केवल तभी लागू होता है जब बीमारी को लाइलाज माना जाए. स्वस्थ व्यक्ति और गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज दोनों ही यह विल बनवा सकते हैं. इस विल के माध्यम से मरीज अपनी चिकित्सा प्रक्रियाओं और उपचारों के बारे में अपनी पसंद को लिखित रूप में व्यक्त कर सकते हैं. इससे मरीज की इच्छाओं का सम्मान होता है और परिवार को मुश्किल फैसले लेने से बचाया जा सकता है. जैसा कि बताया गया है, "पेशेंट अपनी इच्छाओं को पहले ही लिविंग विल में बता सकता है. ताकि गंभीर स्थिति में मरीज का इलाज उसकी मर्जी से किया जा सके" यह पहल मरीजों को उनके जीवन के मुश्किल दौर में अपने इलाज पर नियंत्रण रखने की शक्ति देती है.