![वेदांत वेदांत](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202207/vedant_0-sixteen_nine.jpg?size=948:533)
अगर सीखने की ललक हो क्या कुछ मुमकिन नहीं है. नागपुर के राजू देवकाते इसका सटीक उदाहरण है. नागपुर के 15 वर्षीय छात्र वेदांत राजू देवकाते ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है कि उन्हें महज 15 साल की उम्र में 33 लाख रुपये के पैकेज के साथ नौकरी का ऑफर मिला है. कोरोना लॉकडाउन के वक्त जब हम सब दालगोना कॉफी बनाना सीख रहे थे, और तरह-तरह के पकवान बनाना सीख रहे थे, उस वक्त वेदांत समय का सदुपयोग करके घर पर ही लैपटॉप की मदद से यू-ट्यूब पर सॉफ्टवेयर से जुड़े कई कोर्स सीख रहे थे.
जीत ली ऑनलाइन सॉफ्टवेयर कोडिंग प्रतियोगिता
वेदांत ने एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर कोडिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और एक हजार से अधिक सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को पछाड़कर प्रतियोगिता जीती. उसके बाद जब एक कंपनी ने उन्हें नौकरी का ऑफर भेजा तो घर वालों को भी वेदांत के इस हुनर का पता चला. हैरानी की बात यह है कि उनके परिवार में किसी को भी वेदांत की इस उपलब्धि की जानकारी नहीं थी.
कंपनी ने दिया पढ़ाई करने का मौका
वैसे तो वेदांत की उम्र महज 15 साल और वो कक्षा 10वीं में पढ़ते हैं, इसलिए कंपनी ने उन्हें पढ़ाई पूरी करने का मौका दिया है. नागपुर के 15 वर्षीय स्कूली छात्र वेदांत देवकाते ने वह कर दिखाया है जो दिग्गज सॉफ्टवेयर, आईटी पेशेवर नहीं कर सकते थे. अपनी मां के पुराने लैपटॉप पर इंस्टाग्राम ब्राउज़ करते समय, उन्हें एक वेबसाइट डेवलपमेंट कॉन्टेस्ट मिला. उन्होंने घर मे बिना किसी को बताए प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और दो दिनों में 2,066 लाइनों में कोडिंग की. अमेरिका की एक कंपनी को उसके द्वारा की गई कोडिंग पसंद आई और उन्होंने वेदांत को जॉब ऑफर कर दी.
सीख लिए 24 ऑनलाइन कोर्स
चूंकि वेदांत 10वीं कक्षा में है, इसलिए उसके परिवार का हर सदस्य इस बात पर जोर देता है कि उसका ध्यान पढ़ाई पर होना चाहिए. उनका रूटीन दिन भर स्कूल और फिर घर पर ही पढ़ाई करना है. हालांकि रात में घर में सब सदस्य सोने के बाद वह यूट्यूब की मदद से अपने जुनून को आगे बढ़ा रहे थे. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान 24 ऑनलाइन पाठ्यक्रम पूरे किए हैं. इसमें C++, Java, आदि सहित कई कठिन पाठ्यक्रम शामिल हैं.
कंपनी ने दिया 33 लाख का ऑफर
जब उन्होंने प्रतियोगिता जीती और उन्हें 33 लाख रुपये के पैकेज की पेशकश की गई, तो वेदांत के परिवार को उनमें प्रतिभा का एहसास हुआ. वेदांत जब आठवीं कक्षा में था तब कोरोना के चलते हर तरफ लॉकडाउन था. स्कूल बंद होने के कारण वेदांता घर में कैद थे. इस दौरान उन्होंने अपनी मां के लैपटॉप की मदद से 24 तरह के ऑनलाइन कोर्स पूरे किए हैं.