
1971 historical war items display
1971 historical war items display देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को स्वर्णिम विजय पर्व का उद्घाटन किया. दरअसल यह आयोजन 1971 में भारत की हुई ऐतिहासिक जीत और भारत और बांग्लादेश के दोस्ती के 50 साल पूरा होने की उपलब्धि के अवसर पर मनाया गया. ऐसा पहली बार हो रहा है कि 1971 में इस्तेमाल किए गए सभी हथियार, वार शिप, एयरक्राफ्ट, वार टैंक और 1971 के युद्ध से जुड़ी सभी चीजों को दर्शकों के लिए पब्लिक डिस्प्ले में लगाया गया है. प्रदर्शनी को तीन भागों में बांटा गया है. पहला है इंडियन नेवी पवेलियन, दूसरा है इंडियन एयर फोर्स पवेलियन और तीसरा है इंडियन आर्मी पवेलियन.
इन सभी पवेलियंस में सेना के शौर्य को भी दर्शाया गया है. यहां की हर चीज यह बताती है कि किस तरह से भारत के वीर सपूतों ने पाकिस्तान को धूल चटाई और भारत को विजय प्राप्त करने में एक अहम भूमिका निभाई.
इंडियन एयरफोर्स पवेलियन
इंडियन एयरफोर्स पवेलियन में सभी तरह के एयरक्राफ्ट और फाइटर प्लेन्स को रखा गया है. कुछ फाइटर प्लेन्स का प्रतिकात्मक चित्रण दिखाया गया है तो कहीं 1971 में इस्तेमाल किए असली फाइटर प्लेन को रखा गया है. एयरफोर्स पवेलियन में बैटल ऑफ लोंगेवाला से लेकर गवर्नर बिल्डिंग अटैक तक सभी घटनाओं की भी प्रदर्शनी लगाई गई है. थार रेगिस्तान में लोंगेवाला की लड़ाई 5 और 6 दिसंबर 1971 को लड़ी गई थी.

इंडियन नेवी पवेलियन
इंडियन नेवी पवेलियन में 1971 में इस्तेमाल की गई वार शिप की प्रतीकात्मक प्रदर्शनी लगाई गई है. 1971 में ऑपरेशन ट्राइडेंट में नौसेना ने कराची स्थित पाकिस्तान नौसेना हेडक्वार्टर पर पहला हमला किया था. एम्यूनिशन सप्लाई शिप समेत कई जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे. इस दौरान पाक के कई ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे. इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था. इस प्रदर्शनी में उसी ऑपरेशन ट्राइडेंट को बखूबी समझाया गया है.
इंडियन आर्मी पवेलियन
इंडियन आर्मी पब्लिक में 1971 में इस्तेमाल किए गए वार टैंक और बंदूकों को रखा गया है. इसमें पाकिस्तान के वह टैंक भी रखे गए हैं, जिसे भारतीय सेना ने या तो नेस्तनाबूद कर दिया था या फिर कब्जा कर लिया था. भारतीय सेना के सौर्य और पराक्रम के आगे पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने घुटने टेक कर आत्मसमर्पण किया था.