scorecardresearch

Noida Police Scooty Missing: नोएडा पुलिस को मिली 100 स्कूटी में से 58 लापता, पेट्रोलिंग के लिए बस 42 मौजूद, आरटीआई में खुलासा

Noida Police: आरटीआई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नोएडा महिला पुलिस को पेट्रोलिंग के लिए मिली 100 स्कूटी में से 58 लापता हो गई है. यह स्कूटी पुलिस को 2020 में मिली थी.

नोएडा पुलिस को मिली 100 स्कूटी में से 58 लापता नोएडा पुलिस को मिली 100 स्कूटी में से 58 लापता
हाइलाइट्स
  • नोएडा पुलिस की 58 स्कूटी लापता

  • आरटीआई रिपोर्ट में खुलासा

Noida Police: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बेहतरीन लॉ एंड ऑर्डर के लिए जानी जाती है. सरकार अपनी तरफ से हर जिले में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश करती रहती है. मुख्यमंत्री की इसी कोशिश के चलते साल 2020 में नोएडा पुलिस को 100 स्कूटी मिली थी. ये स्कूटी स्वयं सिद्ध नामक योजना के तहत मिली थी. यह स्कूटी महिला पुलिस को पेट्रोलिंग के लिए दी जानी थी  तत्कालीन कमिश्नर आलोक सिंह ने 50 स्कूटी को हरी झंडी दिखाकर  शुभारंभ किया था, लेकिन अब साल 2023 में एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि नोएडा पुलिस के पास फिलहाल सिर्फ 42 स्कूटी हैं, बाकी की स्कूटी कहां गई पता नहीं है.

आरटीआई की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

समाजसेवी एवं अधिवक्ता रंजन तोमर ने नोएडा में आरटीआई लगाई थी. उन्होंने बताया कि पुलिस और मीडिया के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार कुल 100 ऐसी स्कूटी को पूरे शहर में महिलाओं की सुरक्षा हेतू लगाया गयी थी जो कि कॉलेज, मॉल, मेट्रो स्टेशन, मार्केट और जहां भी महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वहां पेट्रोलिंग के लिए लगाई जानी थी लेकिन अभी देखकर ऐसा लगा ही नहीं, कि पुलिस 100 स्कूटी का इस्तेमाल कर रही है.

2020 में नोएडा पुलिस को मिली थी 100 स्कूटी

रंजन तोमर ने कहा, कि कुल 100 स्कूटियों की तो छोड़िये , शहर में मात्र 3 साल में 58 स्कूटी का कोई अता पता ही नहीं है. आरटीआई में कमिश्नरेट स्वयं कहते हैं कि कुल 42 स्कूटी स्वयं सिद्ध योजना के तहत शहर में चल रही हैं. जहां तक बात है अन्य स्कूटी की तो उनको कोई जानकारी नहीं है. आरटीआई में ये भी पूछा गया कि क्या इन 100 स्कूटी के बाद भी अन्य कोई स्कूटी स्वयं सिद्ध योजना के तहत बढाई गई. इसके जवाब में भी पुलिस कहती है कि इसके अलावा कोई नयी स्कूटी नहीं बढ़ाई गई.

आरटीआई दाखिल करने वाले रंजन तोमर सवाल उठते हैं कि मात्र 3 साल में 58 वाहन कहां चले गई. क्या महिलाओं के प्रति अपराधों में इतनी कमी आ गई है. कि बची हुई 58 स्कूटियों की अब ज़रूरत ही नहीं, सवाल यह भी उठता है कि वह गई तो गई कहां. खराब हो गई ? या यूँ ही कहीं धूल फांक रही हैं , क्या उनका उचित या अलग उपयोग नहीं किया जा सकता?  इन  सवालों का जवाब पुलिस को आम लोगों तक पहुंचाना चाहिए.