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ADR REPORT: देश में बढ़ रही है राजनीतिक पार्टियों की संख्या लेकिन ज्यादातर हैं गैर-मान्यता प्राप्त, पढ़िए क्या है सियासी दलों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

ADR Report India: जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें 889 रजिस्टर्ड पार्टियां मिली हैं. ऐसी पार्टियों में से केवल 90 या 10.12 प्रतिशत ही ऐसी हैं जो राज्य सीईओ वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी की 767 पार्टियों में से 10.69 प्रतिशत यानि 82 पार्टियां, पंजाब की 66 पार्टियों में से 9.09 प्रतिशत या 6 पार्टियां और उत्तराखंड की 37 पार्टियों में से 5.41 प्रतिशत या 2 पार्टियों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है."

Registered Unrecognised Parties Registered Unrecognised Parties
हाइलाइट्स
  • 2021 में पार्टियों की संख्या बढ़कर 2,858 हो गई है

  • पांच राज्यों में होने हैं चुनाव

हम सभी जानते हैं कि देश में 8 राष्ट्रीय दल हैं और 50 से भी अधिक राज्य दल. जिनके लिए पार्टियों को रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है. लेकिन हाल के वर्षों में कुछ ऐसे दल ऐसे भी सामने आए हैं जो गैर मान्यता प्राप्त हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा कि रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की संख्या 2010 और 2021 के बीच दोगुनी से अधिक हो गई है.

आपको बता दें, या तो नई रजिस्टर्ड पोलिटिकल पार्टियां या वे जो राज्य की पार्टी बनने के लिए विधानसभा या आम चुनावों में पर्याप्त प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाए हैं, या फिर जिन्होंने रजिस्ट्रेशन होने के बाद से कभी चुनाव नहीं लड़ा है, उन्हें गैर-मान्यता प्राप्त दल माना जाता है.

क्या कहा गया है रिपोर्ट में?

नई रिपोर्ट में, एडीआर ने कहा कि 2010 में 1112 पार्टियों से, 2019 में यह संख्या बढ़कर 2,301 हो गई थी और अब 2021 में यह संख्या बढ़कर 2,858 हो गई है. रिपोर्ट में बताया गया, "यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विशेष रूप से संसदीय चुनावों के साल के दौरान ऐसी पार्टियों की संख्या में असमान रूप से वृद्धि हुई है. 2018 और 2019 के बीच, इनमें 9.8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि 2013 और 2014 के बीच, इसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई.”

पांच राज्यों में होने हैं चुनाव 

बता दें, 2022 में उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सहित 2 और राज्यों में चुनाव होने हैं. जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें 889 रजिस्टर्ड पार्टियां मिली हैं. ऐसी पार्टियों में से केवल 90 या 10.12 प्रतिशत ही ऐसी हैं जो राज्य सीईओ वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं. रिपोर्ट में कहा गया, "यूपी की 767 पार्टियों में से 10.69 प्रतिशत यानि 82 पार्टियां, पंजाब की 66 पार्टियों में से 9.09 प्रतिशत या 6 पार्टियां और उत्तराखंड की 37 पार्टियों में से 5.41 प्रतिशत या 2 पार्टियों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है." 

कितने हैं गैर मान्यता प्राप्त दल 

इस रिपोर्ट में विश्लेषण किए गए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के 90 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों, जिनकी ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध हैं, ने अपनी कुल आय 840.25 लाख रुपये घोषित की, जबकि घोषित कुल व्यय 2019-20 के लिए 876.76 लाख रुपये था. साल 2019-20 के दौरान, इन गैर-मान्यता प्राप्त दलों ने उस साल अपनी कुल आय से 36.51 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं.

भारत में कैसे होता है पार्टियों का रजिस्ट्रेशन?

किसी भी राजनीतिक पार्टी को मान्यता प्रदान करनें का काम भारतीय निर्वाचन आयोग का होता है. देश में कोई भी नई पार्टी बना सकता है. हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. एक नई नयी राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए किसी भी दल को निर्वाचन आयोग के नियमानुसार आवेदन करना होता है. यह आवेदन आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर किया जा सकता है. इसकी आवेदन की प्रक्रिया- 

1. सबसे पहले निर्वाचन आयोग की वेबसाइट eci.gov.in पर जाएं 

2. होम पेज पर जाने पर आपको रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना होगा

3. रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें, अब आपके सामने फॉर्म ओपन हो जायेगा

4. फॉर्म में पूछी गयी जानकारियों को सावधानी पूर्वक भरें और फिर सबमिट पर क्लिक कर दें

5. आपके सामने अब नया पेज खुलेगा, जिसमें आवेदन संख्या होगी, आप इस पेज का प्रिंट आउट भी निकाल सकते है

6. इस प्रकार से आप नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
 
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