
उत्तर प्रदेश के देवरिया से दिल झकझोर देने वाली घटना सामनें आई है जहां एक व्यक्ति घायलावस्था में इलाज के दौरान दम तोड़ देता है. जब पुलिस उनके भाइयों को इसकी सूचना देती है और शव को लेकर दरवाजे पर पहुंचती है तो, भाइयों द्वारा यह कहा जाता है कि इन्होंने अपनी सारी संपत्ति बेच दी है और इनका कुछ बचा नहीं है. वह न तो उनकी लाश लेंगे और न ही उनका अंतिम संस्कार करेंगे. जिसके बाद सदर कोतवाल ने अपने खर्च पर मृतक का अंतिम संस्कार कराया. पुलिस द्वारा धार्मिक रीति रिवाज के साथ मुक्ति मार्ग सेवा संस्थान गौरा कटईलवा, बरहज देवरिया में मृतक राम नक्षत्र उपाध्याय का अंतिम संस्कार कराया गया. पुलिस द्वारा किया गया मानवीय संवेदना का यह काम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पूरा मामला
थाना बरहज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम छपरा नटुआ निवासी राम नक्षत्र उपाध्याय पुत्र स्वर्गीय परशुराम उपाध्याय घायलावस्था में महऋषि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में भर्ती हुए थे. 5 दिसम्बर को दोपहर के वक्त उनकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद शव का पंचायतनामा कराकर परिजनों को सूचना दी गई. परिजनों द्वारा यह कारण बताते हुए कि मृतक ने अपनी सारी जमीन संपत्ति बेच दी है, उन्होंने मोर्चरी आने और मृतक का शव लेने से मना कर दिया.

बाद में पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराकर, कांस्टेबल आदित्य यादव के साथ मृतक के पते पर भिजवाया गया जहां मृतक के परिवार के सदस्यों ने शव को लेने से मना कर दिया. इस परिस्थिति में सदर कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने खुद कटैलवा घाट पर शव को ले जाकर हिन्दू रीति रिवाज से शव का अंतिम संस्कार कर दिया.
पुलिस अधिकारी की माने तो यह केवल मानवता के विपरीत ही नहीं है बल्कि सामाजिक मूल्यों का भक्षण भी है. यह घटना केवल संवेदनहीनता का उदाहरण ही नहीं है बल्कि समाज को यह सोचने पर विवश कर रहा है कि हमारे मानवीय रिश्ते कहां खत्म होते जा रहे है.
(रिपोर्ट- राम प्रताप सिंह)
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