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Galwan Clash: 68 हजार सैनिक, 90 टैंक-तोप, फाइटर जेट, रडार सिस्टम... ऐसी थी गलवान में झड़प के बाद Chine Border पर भारत की तैयारी

साल 2020 में 15-16 जून की रात को गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. जबकि चीन ने 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली थी. हालांकि कई इंटरनेशनल रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झड़प में चीन के करीब 38 सैनिकों की मौत हुई थी.

गलवान झड़प के बाद भारत ने चीन बॉर्डर पर तैनात किए थे 68 हजार सैनिक गलवान झड़प के बाद भारत ने चीन बॉर्डर पर तैनात किए थे 68 हजार सैनिक

गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस झड़प के बाद भारत ने चीन से आर-पार का मन बना लिया था. फौज की एक बड़ी टुकड़ी पूर्वी लद्दाख में चीनी बॉर्डर पर उतार दी थी. आपको बता दें कि साल 2020 में 15-16 जून की रात को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में झड़प हुई थी. इस झड़प में हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए थे. इसके बाद दोनों देशों तनाव चरम पर पहुंच गया था.

भारत ने तैनात किए थे 68 हजार सैनिक-
झड़प के बाद भारत ने एक बड़ी फौज लद्दाख में उतार दी थी. एयरफोर्स के सूत्रों के मुताबिक वायु सेना ने लड़ाकू विमानों के कई स्क्वाड्रन तैनात कर दिए थे. 68 हजार सैनिक, 90 टैंक-तोप, आर्टिलरी गन, 330 बीएमपी पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, रडार सिस्टम और कई हथियार एयरलिफ्ट किए गए थे और पूर्वी लद्दाख में पहुंचाए गए थे. बॉर्डर पर 24 घंटे निगरानी की जा रही थी. एयरफोर्स ने सैनिकों के वहां सुरक्षित रहने के लिए जरूरी चीजें भी पहुंचाई थी. आपको बता दें कि एक उड़ान में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट करीब 40 टन तक वजन ले जा सकता है और एयरफोर्स ने 9000 टन का लोड एयरलिफ्ट कर फॉरवर्ड एरिया में पहुंचाया था. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके लिए एयरक्राफ्ट ने कितनी उड़ाने भरी होंगी.

एयरफोर्स 5 से 7 मिनट में एक्शन के लिए तैयार-
सूत्रों के मुताबिक गलवान में झड़प के बाद सबसे पहले राफेल, सुखोई और मिग-29 भेजे गए. फाइटर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने और नजर रखने के लिए भी किया गया. इसके लिए फाइटर एयरक्राफ्ट सुखोई 30 और जगुआर तैनात किए गए. सूत्रों के मुताबिक आज भी मिग 29 और सुखोई 30 ऑपरेशन कर रहे हैं.
इस दौरान फाइटर एयरफ्राफ्ट को ऑपरेशन रेडी प्लेफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल किया. इसमें एयरक्राफ्ट पूरी तरह से उड़ान भरने के लिए तैयार रहता है. इसमें एयरक्राफ्ट पूरे वेपन सिस्टम और फ्यूल के साथ उड़ान भरने के लिए तैयार होता है. ऑपरेशन रेडी के बाद 5 से 7 मिनट में उड़ान भरा जा सकता है. इसलिए गलवान के बाद लंबे वक्त तक एयरफोर्स के फाइटर एयरक्राफ्ट ने कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग भी की.

रडार सिस्टम किए गए तैनात-
बॉर्डर एरिया में एयरफोर्स के एसेट्स भी पहुंचाए गए. फॉरवर्ड एरिया में रडार सिस्टम तैनात करना जरूरी था, ताकि एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत किया जा सके. इसके साथ ही गाइडेड वेपन सिस्टम को भी बॉर्डर एरिया में पहुंचाया गया. बॉर्डर एरिया में सर्विलांस के लिए रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट भी तैनात किए गए.

अभी क्या हैं बॉर्डर पर हालात-
पूर्वी लद्दाख में पिछले 3 साल से भारतीय सेना और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं. इस समय में भी LAC पर दोनों तरफ से 50 से 60 हजार सैनिक तैनात हैं. आज यानी 14 अगस्त को भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की 19वीं दौरे की बातचीत होनी है. इसमें डेपसांग और डेमचॉक में सैनिकों को पीछे करने के लिए सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी.

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