एम्स गोरखपुर के त्वचा एवं कुष्ठ रोग विभाग ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए पहली बार ऑटोलॉगस नैनो-फैट ग्राफ्टिंग तकनीक का सफल उपयोग किया है. प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में यह प्रक्रिया एक युवा पुरुष मरीज पर की गई, जो बर्न्ट-आउट मॉर्फिया के कारण हेमिफेशियल एट्रॉफी से पीड़ित था. इस तकनीक ने चेहरे की धंसी हुई बनावट और एट्रॉफिक बदलावों में सुधार की दिशा में एक नई आशा प्रदान की है.
उपचार की आवश्यकता क्यों पड़ी?
मरीज कई वर्षों से चेहरे के एक तरफ क्रमिक सिकुड़न, वॉल्यूम लॉस और असमानता से परेशान था, जो मॉर्फिया से संबंधित प्रोग्रेसिव हेमिफेशियल एट्रॉफी में आम तौर पर देखा जाता है. महंगे फिलर्स की लागत के कारण जिसका उपचार संभव नहीं हो पा रहा था. ऐसे में विभाग ने ऑटोलॉगस नैनो-फैट ग्राफ्टिंग को एक सुरक्षित, प्रभावी और किफायती विकल्प के रूप में अपनाया.
क्या है नैनो-फैट ग्राफ्टिंग?
यह तकनीक लिपोसक्शन द्वारा प्राप्त वसा को विशेष माइक्रो-फिल्ट्रेशन और इमल्सिफिकेशन तकनीकों से “नैनो स्तर” तक प्रोसेस करती है. इसके लाभ है कि यह पूरी तरह बायोकम्पैटिबल है, क्योंकि वसा मरीज की ही होती है. साथ ही लंबे समय तक प्रभावी होती है, क्योंकि इसमें स्टेम - सेल - समृद्ध फैक्शन भी होता है. यह एक तरह से महंगे सिंथेटिक फिलर्स का किफायती विकल्प है. स्कारिंग, एट्रॉफी और त्वचा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया पहली बार एम्स गोरखपुर में की गई है.
क्या बोले विभाग्धयक्ष
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि उन गरीब व जरूरतमंद मरीजों के लिए वरदान है जो महंगे कॉस्मेटिक उपचार वहन नहीं कर सकते. नैनो-फैट ग्राफ्टिंग न केवल सुरक्षित और प्राकृतिक है, बल्कि इसके परिणाम लंबे समय तक बने रहते हैं. एम्स गोरखपुर त्वचा रोग उपचार में नई ऊंचाइयां छूने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा.
एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता हमारे संस्थान की उत्कृष्ट नैदानिक गुणवत्ता और रोगी-केन्द्रित दृष्टिकोण का प्रमाण है. एम्स गोरखपुर सबसे उन्नत और किफायती उपचार प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. मुझे गर्व है कि त्वचा विभाग नेक्षेत्र में पहली बार नैनो-फैट ग्राफ्टिंग कर एक नई दिशा स्थापित की है.
- गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट