
Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट पर गुरुवार दोपहर बड़ा विमान हादसा हुआ. अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ सेकेंड बाद ही क्रैश हो गई. ये विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था. इसमें कुल 242 यात्री सवार थे, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. प्लेन ने जैसे ही उड़ान भरी थी विमान के पायलट ने करीबी ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को Mayday Call दी, लेकिन इसके बाद प्लेन से कोई संपर्क नहीं हो पाया. कुछ सेकेंड के बाद ही विमान क्रैश कर गया.
क्या होता है Mayday Call
जब किसी जहाज का पायलट या शिप का कैप्टन बहुत ही गंभीर संकट में होता है तो वो रेडियो पर Mayday, Mayday, Mayday बोलता है. पायलट Mayday Call उस वक्त देता है जब विमान किसी गंभीर संकट में हो और यात्रियों या क्रू की जान को खतरा हो. जैसे कि विमान का इंजन फेल होना, टेक्निकल फेलियर, विमान में आग लगना, हवा में टकराव का खतरा या हाईजैक जैसी स्थिति बन जाए.
ये कॉल इंटरनेशनल लेवल पर तय की गई है, जो बताती है कि जान को खतरा है और तुरंत मदद चाहिए. इस कॉल के ज़रिए कोई भी पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल और नजदीकी विमानों को अलर्ट करता है कि प्लेन को तुरंत मदद की ज़रूरत है. इसे प्लेन के रेडियो पर तीन बार बोला जाता है- Mayday, Mayday, Mayday ताकि साफ हो जाए कि यह मजाक नहीं बल्कि असली संकट है. पायलट जैसे ही Mayday का सिग्नल देता है कंट्रोल रूम उस विमान को प्राथमिकता देता है और सभी संसाधनों को उसकी मदद में लगा देता है, जैसे इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत, रनवे खाली कराना, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड तैयार रखना.
क्या है मेडे शब्द की कहानी
मेडे (Mayday) शब्द फ्रेंच के m'aider से आया है. इसका मतलब होता है मेरी मदद करो. मेडे शब्द की शुरुआत साल 1920 में आपातकालीन स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए हुई थी. इसकी शुरुआत लंदन के क्रॉयडन एयरपोर्ट से हुई थी. वहां पर एक वरिष्ठ रेडियो ऑफिसर फ्रेडरिक स्टैनली मॉकफोर्ड ने सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल किया था.
दरअसल, उनसे कोई ऐसा शब्द सुझाने के लिए कहा गया था जो पायलट इमर्जेंसी कॉल के लिए इस्तेमाल करें. तब फ्रेडरिक ने फ्रेंच शब्द "m'aider" का इस्तेमाल कर के मेडे शब्द बनाया. जिसका मतलब होता है-मदद करो मुझे!. बाद में 1948 में Mayday को इंटरनेशनल नियमों में शामिल कर लिया गया, ताकि हर देश के पायलट एक जैसे इमरजेंसी शब्द का इस्तेमाल कर सकें.
तुरंत की जाती है कार्रवाई
मेयडे में विमान का कॉलसाइन और स्थिति बताई जाती है, जिससे एटीसी और आस-पास के अन्य विमानों को महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है. मेयडे कॉल प्राप्त होने पर एटीसी आपातकालीन प्रतिक्रिया को समन्वित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करता है. आस-पास के विमानों को आपातकाल के बारे में सचेत किया जाता है और वे प्रभावित क्षेत्र से बचने के लिए अपने मार्ग बदल सकते हैं. आग और चिकित्सा दल जैसी बचाव सेवाएं विमान के आगमन के दौरान तैयार रहती हैं.
सिर्फ पायलट नहीं, जानें और कौन करता है Mayday का इस्तेमाल
1. Mayday का इस्तेमाल हवाई जहाज के पायलटों के आलावा भी कई लोग करते हैं.
2. समुद्री जहाज, फायर ब्रिगेड, पुलिस और कई देशों में रोड ट्रांसपोर्ट एजेंसियां भी Mayday का इस्तेमाल करती हैं.
3. कई बार ऐसा भी होता है कि जिस प्लेन को संकट है, उसका रेडियो काम नहीं कर रहा. तब कोई दूसरा विमान या जहाज उसकी तरफ से Mayday relay कॉल देता है.
4. अमेरिका में यदि कोई झूठी Mayday Call करता है, तो उसे 6 साल की जेल और 2.5 लाख डॉलर तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
कब किया जाता है पैन-पैन कॉल
यदि हालात बहुत अधिक गंभीर न हो लेकिन चिंता की हो, तब पायलट पैन-पैन कॉल (Pan-Pan Call) कॉल करता है, जो Mayday से कम गंभीर मानी जाती है. पैन-पैन कॉल को मेडे कॉल से एक कदम नीचे माना जाता है, लेकिन फिर भी यह एक अत्यावश्यक स्थिति को दर्शाता है. इसका उपयोग किसी महत्वपूर्ण मुद्दे को बताने के लिए किया जाता है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है, लेकिन जो जीवन या विमान की सुरक्षा के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करता है.पैन-पैन कॉल उन स्थितियों में की जाती हैं, जिनमें तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है, जैसे कि जहाज में यांत्रिक खराबी या यात्री को चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का सामना करना पड़ रहा हो.
क्या है SOS
सेव अवर सोल्स यानी एसओएस (SOS) का मतलब भी मदद मांगने से ही है. सेव अवर सोल्स अर्थ है हमें बचाओ. SOS एक अंतरराष्ट्रीय संकेत है. इसका उपयोग आपातकाल या संकट के समय किया जाता है. SOS संकेत एक संकट संदेश है, जो यह बताता है कि कोई व्यक्ति या जहाज खतरे में है और तत्काल मदद की आवश्यकता है. SOS का इस्तेमाल 1900 के दशक की शुरुआत से समुद्री संचार में किया गया था.
Mayday से पहले SOS सिग्नल का इस्तेमाल किया जाता था. अभी भी SOS शब्द इस्तेमाल में है. हालांकि, इन दिनों SOS का कम प्रयोग किया जाता है. SOS Signal में तीन बिंदु होते हैं और उसके बाद तीन डैश और फिर तीन बिंदु (...---...) होते हैं. यह एक मोर्स कोड अनुक्रम है. यदि आप किसी सुनसान द्वीप पर फंसे हों या जंगल में खो गए हों तो SOS सिग्नल की मदद से आप बचावकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर मदद के लिए संकेत भेज सकते हैं. टाइटैनिक के डूबने के बाद एसओएस मोर्स कोड के माध्यम से संचार करने वाले जहाजों के वायरलेस ऑपरेटरों के लिए मानक आपातकालीन संकेत बन गया था. इससे पहले आपातकालीन संकेत सीक्यूडी (सभी स्टेशनः संकट) था.
क्या है SECURITE Call
SECURITE कॉल का उपयोग किसी विशिष्ट क्षेत्र में सभी विमानों को महत्वपूर्ण सुरक्षा जानकारी प्रसारित करने के लिए किया जाता है. यह संकट कॉल नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य संभावित खतरों या महत्वपूर्ण सुरक्षा-संबंधी जानकारी के लिए पायलटों को सचेत करना है. SECURITE संदेशों का उपयोग अक्सर मौसम की स्थिति, नेविगेशन संबंधी खतरों या अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा चिंताओं के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाता है, जो आसपास के विमानों को प्रभावित कर सकते हैं.