
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील की. पीएम ने इसे देश की स्वतंत्रता से जोड़ा. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की स्वतंत्रता को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी. हम वो सामान खरीदें, जो MADE IN INDIA हो. पीएम मोदी की इस अपील पर सियासी बयानबाजी भी होने लगी है.
पीएम मोदी के बयान पर केजरीवाल का पलटवार-
पीएम मोदी के इस बयान को लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है. अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा एक पोस्ट किया और पीएम मोदी को निशाने पर लिया. उन्होंने लिखा कि प्रधान मंत्री जी, आप चाहते हैं कि जनता स्वदेशी इस्तेमाल करे. आप ख़ुद स्वदेशी इस्तेमाल करना शुरू कीजिए. जिस विदेशी जहाज़ से रोज़ घूमते हैं, उसे छोड़ दीजिए. सारा दिन जितने विदेशी सामान इस्तेमाल करते हैं, उन्हें छोड़ दीजिए.
केजरीवाल ने ये भी लिखा कि आप भारत में काम कर रही चार अमेरिकी कंपनियों को बंद कर दीजिए? ट्रंप रोज़ भारत और भारतीयों का अपमान कर रहा है. आप भी तो कुछ कीजिए? लोग अपने प्रधान मंत्री से एक्शन की उम्मीद रखते हैं, प्रवचन की नहीं.
जनता को बेवकूफ समझने की गलती न करे बीजेपी- प्रियंका
आम आदमी पार्टी पीएम मोदी पर लगातार हमलावर है. इससे पहले AAP लीडर प्रियंका कक्कर ने कई सवाल खड़े किये हैं. प्रियंका कक्कर ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि जनता को बेवकूफ समझने की गलती न करें भाजपा. जनता जानती है कि कैसे अपने पूँजीपति मित्रों का 14 लाख करोड़ बकाया माफ किया, कैसे कॉर्पोरेट टैक्स में सालाना 1 लाख करोड़ पूँजीपतियों का बचाकर आम जनता से दूध, दही, छाछ, पूजा की सामग्री तक पर टैक्स वसूला गया. घरेलू बचत आज 5 दशकों में सबसे कम है और विनिर्माण चरमराई हुई है.
उन्होंने आगे लिखा कि आज भी पूँजीपति मित्र सस्ता रूसी तेल ख़रीदकर उसे खुला बाजार में मुनाफे पर बेच रहे हैं और सरकार ने उस मुनाफे पर भी टैक्स छूट दे दी है, जबकि जनता को आज भी महंगा तेल ख़रीदना पड़ रहा है, जो GST के दायरे में नहीं लाया गया.
प्रियंका कक्कर ने लिखा कि अगर सच में किसानों का लाभ सोचना है, तो पंजाब को उसके हक का 60,000 करोड़ दीजिए, जिसमें जीएसटी घटक भी शामिल है. अमेरिका से आने वाली कपास पर टैक्स लगाइए और अपने किसानों को बचाइए. जनता को GST द्वारा पूरा पीसने के बाद अभी से अपनी पीठ थपथपाना शुरू मत कीजिए.
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