announced to resign within 48 hours
announced to resign within 48 hours दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सबको हैरान करते हुए कहा है कि वह इस्तीफा देने वाले हैं. केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह अगले दो दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.
केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी से कोई और उनकी जगह लेगा. उन्होंने कहा कि अगले दो दिन में अगला मुख्यमंत्री तय हो जाएगा. उन्होंने फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र और झारखंड के साथ कराने की मांग भी की.
क्या बोले केजरीवाल?
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद अपने पहले भाषण में कहा, ''मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा... मैं हर घर और गली में जाऊंगा और तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक मुझे लोगों का फैसला नहीं मिल जाता."
आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी कोई पद नहीं लेंगे और नए जनादेश के बाद ही सरकार में वापस आएंगे. गौरतलब है कि सिसोदिया भी शराब घोटाले से जुड़े मामले में आरोपी हैं और हाल ही में जमानत पर बाहर आए हैं.
केंद्र सरकार पर बोला हमला
अपने भाषण में केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने केंद्र को अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर बताया. केजरीवाल ने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के लगाए हुए प्रतिबंधों की वजह से हम काम नहीं कर पाएंगे. यहां तक कि उन्होंने हम पर प्रतिबंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो बड़ी संख्या में मुझे वोट दें."
उन्होंने कहा, "मैं निर्वाचित होने के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा. फरवरी में चुनाव होने हैं. मैं नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ चुनाव कराने की मांग करता हूं. चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री होगा." अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले मुख्यमंत्री का फैसला किया जाएगा.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने उन्हें जेल भेजा क्योंकि उनका लक्ष्य "आप और अरविंद केजरीवाल के साहस को तोड़ना" था. उन्होंने कहा, "उन्होंने सोचा कि वे हमारी पार्टी को तोड़ देंगे और मुझे जेल में डालने के बाद दिल्ली में सरकार बना लेंगे. लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी. मैंने जेल से इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मैं भारत के संविधान की रक्षा करना चाहता था. मैं उनके फॉर्मूले को विफल करना चाहता था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि कोई सरकार जेल से क्यों नहीं चल सकती. सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि कोई सरकार जेल से नहीं चल सकती."