

जयपुर से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसमें राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश की गई. दिलावर ने खुद इस मामले का खुलासा एक आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया. उन्होंने बताया कि यह घटना सोमवार सुबह लगभग आठ बजे की है जब वह रामगढ़ जाने की तैयारी कर रहे थे. उसी दौरान चंद्रकांत वैष्णव नामक एक व्यक्ति उनके सरकारी आवास, सिविल लाइंस पर उनसे मिलने पहुंचा.
बड़े पद के लालच में दी रिश्वत
चंद्रकांत वैष्णव ने खुद को एक शिक्षक बताते हुए मंत्री से मुलाकात की और पाठ्यक्रम निर्माण समिति में शामिल होने की इच्छा जताई. इसके साथ ही उसने कुछ दस्तावेज पेश किए और एक मिठाई का डिब्बा भी भेंट किया. दिलावर के अनुसार, मिठाई के डिब्बे के साथ एक बंद लिफाफा भी सौंपा गया. जब मंत्री ने लिफाफा खोला तो उसमें 5,000 रुपये नकद और एक चिट्ठी रखी हुई थी.
चिट्ठी में लिखा था कि वह शिक्षक बांसवाड़ा में अध्यापक है और छात्र जीवन से एबीवीपी और संघ की विचारधारा से जुड़ा हुआ है. चिट्ठी में लिखा था कि वह शिक्षा विभाग में विभागीय गतिविधियों में कई महत्वपूर्ण दायित्व निभा चुका है. लिफाफे में पैसे देखकर मंत्री को तुरंत शक हुआ कि यह रिश्वत देने का प्रयास है, जिसके बाद उन्होंने तत्काल संबंधित थाना पुलिस को सूचना दी.
मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ ही देर में सिविल लाइंस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया. आरोपी की पहचान बांसवाड़ा जिले के बूढ़ा गांव के निवासी चंद्रकांत वैष्णव के रूप में हुई है, जो वर्तमान में ग्रेड-3 लेवल-2 के विज्ञान शिक्षक के पद पर कार्यरत है. पुलिस ने उसे रिटेन कर लिया है और मामले की जांच जारी है.
प्रेस वार्ता में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी भी उपस्थित रहे. शिक्षा मंत्री ने इस घटना को बेहद निंदनीय बताया और कहा कि शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में इस प्रकार की भ्रष्टाचारपूर्ण गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पाठ्यक्रम निर्माण एक गंभीर और निष्पक्ष प्रक्रिया है जिसे किसी भी प्रकार से प्रभावित करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी.