
औरंगाबाद नगर निगम ने टीका ने लगवाने वाले लोगों के लिए नया फरमान जारी किया है. नगर निगम का कहना है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक नहीं ली है या जिन्होंने समय पर दूसरी खुराक भी नहीं प्राप्त की है, उन्हें 16 दिसंबर से 500 रुपये का जुर्माना देना होगा.औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) ने सोमवार को इस आशय की औपचारिक घोषणा की और कहा कि भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि कानूनी विशेषज्ञों ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है, उनका कहना है कि टीकाकरण स्वैच्छिक है.
डिफॉल्टरों की हो रही जांच
एएमसी प्रशासक आस्तिक कुमार पांडे ने कहा, "औरंगाबाद में पहले से ही गठित नागरिक मित्र पाठक नाम का एक विशेष नागरिक दस्ता डिफॉल्टरों की जांच कर रहा है. जुर्माने से आने वाले धन का आधा हिस्सा शहर की पुलिस और शेष स्थानीय निकाय को दिया जाएगा.”नागरिक प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जुर्माना का भुगतान नहीं करने वालों को महामारी रोग अधिनियम, 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 188 (disobedience to order duly promulgated by public servant)के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
पांडे ने कहा,"महामारी रोग अधिनियम, 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार नागरिक निकाय प्रमुख सक्षम प्राधिकारी (टीकाकरण से संबंधित नीतिगत निर्णय लेने के लिए) है. औरंगाबाद में कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए शत-प्रतिशत कोविड-19 टीकाकरण आवश्यक है.”
जिले में टीकाकरण काफी कम
अधिकारियों द्वारा टीकाकरण से जुड़े प्रतिबंधों को लागू करने सहित कई उपायों के बावजूद औरंगाबाद जिले के 4,88,010 लाभार्थियों को रविवार तक पहली खुराक नहीं मिली थी. लक्षित आबादी का लगभग 22% बिना टीकाकरण वाले नागरिक हैं. दूसरी ओर औरंगाबाद जिले में पूरी तरह से टीकाकरण प्राप्त लाभार्थी 33 प्रतिशत ही हैं, जबकि 14.56 लाख से अधिक नागरिकों ने अभी तक दूसरी खुराक नहीं ली है.
जागरूकता फैलाने में स्थानीय हस्तियों की लें मदद
शहर के एडवोकेट चैतन्य धारूरकर ने कहा कि एएमसी को पहले स्थानीय हस्तियों को शामिल करके टीकाकरण के बारे में अधिक जागरूकता फैलाने के साथ अन्य उपाय करने चाहिए. उन्होंने कहा, "नागरिक निकाय को इस बात के प्रति सचेत रहने की जरूरत है कि वैक्सीन न लेने पर जबरजस्ती जुर्माना लगाने से बेहतर है कि लोग खुद आगे आकर वैक्सीन लगवाएं."
दुकानों को किया जाएगा सील
इससे पहले कोविड जिला टास्क फोर्स ने सोमवार सुबह हुई अपनी बैठक में घोषणा की कि औरंगाबाद जिले के कॉलेज जाने वाले छात्र जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है, उन्हें प्रत्येक सप्ताह आरटी-पीसीआर परीक्षण से होकर गुजरना पड़ेगा, जबकि आंशिक रूप से टीकाकरण प्राप्त करने वाले छात्रों को दो सप्ताह बाद यह कराना होगा. अन्य उपायों के तहत टास्क फोर्स से उन दुकानों को सील करने की सिफारिश की गई है जहां कार्यबल का टीकाकरण अभी भी पूरा नहीं हुआ है.
औरंगाबाद के जिला कलेक्टर सुनील चव्हाण ने कहा कि नए स्ट्रेन की अत्यधिक संक्रामक प्रकृति के डर के बीच, टीकाकरण कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है इसलिए जिले में शत-प्रतिशत टीकाकरण करना अनिवार्य है.