Bagaha Pakistani Tola
Bagaha Pakistani Tola बिहार के बगहा शहर का एक इलाका, जो कभी पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए परिवारों के लिए पहचाना जाता था, आज खुद को एक नई पहचान देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. सदियों से लोगों की ज़ुबान पर चढ़ा नाम 'पाकिस्तानी टोला' अब यहां के निवासियों को अखरने लगा है. उनका कहना है कि अब समय आ गया है जब उनकी असली पहचान भारतीय है.
तकरीबन कई दशकों पहले, जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और विभाजन की कहानियां लिखी जा रही थीं, उसी समय पूर्वी पाकिस्तान से कुछ परिवार बगहा पहुंचे थे. उन्होंने यहां मेहनत और ईमानदारी से व्यापार शुरू किया और यहीं की मिट्टी में रच-बस गए. लेकिन शायद शुरू में पहचान के लिए, स्थानीय भाषा में उनके टोले को 'पाकिस्तानी टोला' कहा जाने लगा. धीरे-धीरे यह नाम आम बोलचाल का हिस्सा बन गया, हालांकि सरकारी दस्तावेजों में आज भी इसका नाम 'मारवाड़ी टोला' ही दर्ज है.
अब बदल रहे हैं हालात
वक्त के साथ पीढ़ियां बदलीं. अब यहां के युवा और बुजुर्ग एक सुर में कह रहे हैं कि वे केवल भारतीय हैं, और अब वे इस 'पाकिस्तानी' टैग से छुटकारा चाहते हैं.
स्थानीय निवासी विजय अग्रवाल कहते हैं कि यह नाम अब हमारे लिए बोझ बन गया है. हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं. हमारा टोला मारवाड़ी टोला है और हमें इसी नाम से जाना जाए.
वहीं संदीप कुमार का कहना है कि आज जब हम पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं, तब हमारे टोले को पाकिस्तानी टोला कहना हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाता है. हमें इससे आजादी चाहिए.
स्थानीय पार्षद अजय राउत ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि मैं खुद पहल करूंगा कि प्रशासन से बात कर इस मौखिक पहचान को हमेशा के लिए मिटाया जाए. यह टोला भारतीयता का प्रतीक बने, यही हम सबकी इच्छा है.
लोगों की भावना, बदलती सोच
टोले के लोगों का कहना है कि अब नई पीढ़ी देशभक्ति के जज्बे के साथ आगे बढ़ रही है. उनके लिए भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि गर्व, सम्मान और भविष्य की उम्मीद का नाम है. लोगों की यही मांग है कि अब इस पाकिस्तानी टैग के साथ न पहचाना जाए. वे चाहते हैं कि उनकी आने वाली पीढ़ियां अपने टोले के नाम पर गर्व कर सकें, शर्मिंदगी नहीं झेले.
प्रशासन से मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द कोई ऐसा कदम उठाया जाए जिससे इस इलाके की पहचान को औपचारिक रूप से 'मारवाड़ी टोला' के नाम से ही प्रचारित और प्रसारित किया जाए. इसके लिए प्रस्ताव भेजने की भी तैयारी की जा रही है.
-अभिषेक पांडे की रिपोर्ट