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BBC Office IT Survey: बीबीसी को लेकर आयकर विभाग का बड़ा दावा, इंटरनेशनल टैक्स को लेकर कुछ गड़बड़ियों की कही बात

Income Tax Department on BBC: बीबीसी को लेकर आयकर विभाग ने का बड़ा दावा किया है. आईटी विभाग ने इंटरनेशनल टैक्स को लेकर कुछ गड़बड़ियों की बात कही है. बता दें, ये सर्वे करीब 60 घंटे चला था, जिसके बाद अब आयकर विभाग ने अपना बयान जारी किया है.

BBC IT SURVEY BBC IT SURVEY
हाइलाइट्स
  • 60 घंटे चला था सर्वे 

  • टॉप लेवल कर्मचारियों के लिए हैं बयान 

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) में चले आयकर विभाग के सर्वे के बाद अपना बयान जारी कर दिया है. आईटी सर्वे को लेकर विभाग ने इंटरनेशनल टैक्स को लेकर कुछ गड़बड़ियों का दावा किया है. आयकर विभाग का कहना है कि उन्हें बीबीसी के दफ्तरों में इंटरनेशनल टैक्स को लेकर कुछ गड़बड़ियों के बारे में पता चला है. बताते चलें, इनकम टैक्स विभाग ने BBC के दिल्ली और मुंबई ऑफिस पर इनकम टैक्स एक्ट 133A के तहत सर्वे किया था. 

टैक्स बचाने की कोशिश 

शुक्रवार को इनकम टैक्स विभाग ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, “दिल्ली और मुम्बई में BBC के दफ्तर पर इनकम टैक्स एक्ट 133A के तहत सर्वे किया था. सर्वे के दौरान पता चला है कि BBC ग्रुप के द्वारा आय कम दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश की गई है. सर्वे के दौरान विभाग ने संगठन के संचालन से जुड़े जो सबूत इकट्ठा किए, उनसे साफ पता चलता है कि BBC की विदेशी इकाइयों के जरिए हुए लाभ के कई श्रोत ऐसे थे जिनपर भारत में देय टैक्स नहीं चुकाया गया.” 

टॉप लेवल कर्मचारियों के हैं बयान 

आगे आयकर विभाग ने आगे कहा, “विदेशों और देश मे मौजूद कई ऐसे कर्मचारी हैं जिनकी पेमेंट भारतीय इकाई द्वारा की गई लेकिन उस पर भी टैक्स नहीं चुकाया गया. BBC के कर्मचारियों के बयान, डिजिटल एविडेन्स और कागजातों के आधार इन तमाम वित्तिय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. ये बयान टॉप लेवल कर्मचारियों, फाइनेंस, कंटेंट डेवलपमेंट और प्रोडक्शन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के दर्ज किए गए हैं.”

60 घंटे चला था सर्वे 

गौरतलब है कि मंगलवार सुबह 11:30 बजे आयकर विभाग की टीम ने बीबीसी के दफ्तरों में सर्वे शुरू किया था. ये सर्वे तकरीबन 60 घंटे चलकर गुरुवार देर रात खत्म हुआ. इसके बाद BBC ने भी अपना बयान जारी करते हुए कहा था कि हम आईटी की टीम का सहयोग करते रहेंगे. हम अपने कर्मचारियों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं. जिन लोगों से लंबी पूछताछ की गई है और जिन्हें पूरी रात दफ्तर में रुकना पड़ा ऐसे कर्मचारियों का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता है.

(इनपुट- अरविंद ओझा)