सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर मरने वाले तो कभी दोबारा नहीं आया करते लेकिन साइंस और टेक्नॉलजी की मदद से अब वे दूसरों में मुस्कुराते हुए जरूर मिल जाते हैं. आध्रंप्रदेश के बैंगलुरू के रहने वाले ईश्वर कुमार के ब्रेन डेड होने के बाद उनका दिल, लिवर और क्रॉनिया चार लोगों को ट्रांसप्लांट किया गया. ईश्वर कुमार पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं, साल 2012 में कुमार को किडनी फेल्योर का सामना करना पड़ा था तब उनकी मां की किडनी कुमार को ट्रांसप्लांट की गई थी. और आज कुमार ने जाते जाते कईयों की जिंदगियों को बचाया.
साल 2013 में कुमार को ऑर्गन रिजेक्शन का सामना करना पड़ा और कुमार के परिवार ने उनका रजिस्ट्रेशन जीवसार्थकते ( Jeevasarthakate) मे करवाया , और कुमार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए वेटिंग लिस्ट में थे. पिछले 16 मार्च को कुमार की तबियत बिगड़ी , कुमार को सिरदर्द और उल्टी की वजह से मणिपाल अस्पताल, व्हाइटफिल में भर्ती कराया गया था. यहां पर कुमार की इमरजेंसी सर्जरी हुई . जान बचाने की तमाम कोशिशों के बावजूद कुमार की हालत बिगड़ती गई. और 19 मार्च को कुमार को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
परिवार की रजामंदी से हुआ अंगदान
ब्रेन डेड के बाद कुमार की पत्नी ने कुमार के अंगदान करने की हामी भर दी. बता दें कि कुमार का दिल , किडनी और कॉर्निया मणिपाल अस्पताल में ही ट्रासप्लांट किया गया.