Movie hall (Representative Image/Unsplash)
Movie hall (Representative Image/Unsplash) अगर आप भी मूवी टाइम पर सिनेमाघर पहुंचते हैं और सोचते हैं कि मूवी शुरू होगी, लेकिन पहले 20-25 मिनट तक एड्स देखकर बोर हो जाते हैं, तो आपके लिए बड़ी राहत की खबर है! बेंगलुरु के कंज्यूमर कोर्ट ने PVR और INOX सिनेमाज को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया है कि अब से मूवी टिकट पर असली मूवी शुरू होने का समय दिया जाए.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला तब शुरू हुआ जब एक उपभोक्ता अभिषेक एम.आर. ने PVR सिनेमाज, BookMyShow और INOX के खिलाफ शिकायत दर्ज की. अभिषेक का कहना था कि उन्होंने दिसंबर 2023 में मूवी 'सैम बहादुर' देखने के लिए 4:05 बजे का शो बुक किया था, लेकिन मूवी 4:30 बजे शुरू हुई. इस बीच 25 मिनट तक लगातार विज्ञापन और मूवी ट्रेलर दिखाए गए. इससे उनकी प्लानिंग बिगड़ गई क्योंकि वह मूवी खत्म होते ही वापस ऑफिस जाना चाहते थे.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा- "समय है कीमती, इसे यूं बर्बाद नहीं किया जा सकता." अदालत ने कहा कि आज के समय में हर व्यक्ति के लिए समय बहुत कीमती है. कोई भी व्यक्ति थियेटर में 25-30 मिनट तक फालतू के विज्ञापन देखने के लिए नहीं बैठ सकता. बिजी शेड्यूल वाले लोग परिवार के साथ कुछ वक्त बिताने के लिए मूवी देखने आते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे अपने समय का दुरुपयोग बर्दाश्त करेंगे.
अदालत का सख्त आदेश
इसके अलावा, PVR और INOX को उपभोक्ता को मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए ₹20,000 का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है. साथ ही, केस दर्ज करने के खर्च के लिए ₹8,000 अतिरिक्त दिए जाएंगे. इतना ही नहीं, सिनेमाघरों पर ₹1 लाख का दंड भी लगाया गया है, जिसे उपभोक्ता कल्याण फंड में जमा करना होगा.
विज्ञापन से जुड़े तर्क बेअसर
बता दें, PVR और INOX ने अपनी सफाई में कहा कि वे सरकारी नियमों के अनुसार पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट (PSA) चलाते हैं, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि ये विज्ञापन 10 मिनट से ज्यादा नहीं होने चाहिए. और इन्हें मूवी टाइम से पहले दिखाना होगा.
अदालत ने यह भी पाया कि शिकायतकर्ता के शो में दिखाए गए 95% विज्ञापन कमर्शियल थे, न कि सरकारी पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट.
"मूवी देखने वाले समय पर आएं, देर से आने वालों का बहाना नहीं चलेगा"
थियेटरों ने यह भी दलील दी कि कुछ लोग लेट आते हैं और उन्हें सिक्योरिटी चेक से गुजरना पड़ता है, इसलिए विज्ञापन दिखाना जरूरी है. अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि समय पर पहुंचे दर्शकों को अनावश्यक विज्ञापन क्यों झेलने चाहिए? यह पूरी तरह अनुचित है.
शिकायतकर्ता ने बनाए विज्ञापन के वीडियो
PVR ने यह भी तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने थियेटर के भीतर वीडियो बनाकर एंटी-पायरेसी कानून का उल्लंघन किया है. लेकिन अदालत ने यह तर्क भी खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने केवल एड्स का वीडियो बनाया, मूवी का नहीं. यह एक सार्वजनिक मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था, इसलिए इसे अवैध नहीं माना जा सकता.
यह फैसला उन तमाम मूवी लवर्स के लिए एक राहत भरी खबर है जो लंबे समय से विज्ञापनों के चक्कर में फंसते आ रहे थे. अब से जब भी आप मूवी देखने जाएं, तो आपके टिकट पर सही मूवी टाइम लिखा होगा और आप बेफिक्र होकर मूवी एन्जॉय कर सकेंगे.