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पतंग के मांझे से लोगों को बचाने के लिए 15 सालों से शहर के पुलों पर सेफ्टी वायर बांध रहा है युवक

भावसर ने कहा, “एएमसी मुझे पुलों के दोनों ओर धातु के तारों को ठीक करने के लिए एक हाइड्रोलिक ट्रक प्रदान करता है. ये तार नीचे उतरते पतंग के तार को रोकते हैं और इससे बाइक सवारों को नुकसान होने से बचाया जाता है.”भावसार एक एयर कंडीशनर तकनीशियन के रूप में काम करते हैं. इसके अलावा वो मिशन सेफ उत्तरायण नाम से एक फाउंडेशन भी चलाते हैं.

Electric pole (Representative Image) Electric pole (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • 5 सालों से शहर के पुलों पर सेफ्टी वायर बांध रहे हैं मनोज

  • पतंग के मांझे से लोगों को बचाना है मकसद

अहमदाबाद के रहने वाले मनोज भावसार लगातार 15 वर्षों से शहर के पुलों पर सेफ्टी वायर बांधने का काम कर रहे हैं. इस काम को करने के पीछे मनोज का मुख्य उद्देश्य आने जाने वाले लोगों को पतंग के मांझे से लगनी वाली चोट से बचाना है.

बाइक सवारों को पतंग के मांजे से बचाना है मकसद 
भावसर ने कहा, “एएमसी मुझे पुलों के दोनों ओर धातु के तारों को ठीक करने के लिए एक हाइड्रोलिक ट्रक प्रदान करता है. ये तार नीचे उतरते पतंग के तार को रोकते हैं और इससे बाइक सवारों को नुकसान होने से बचाया जाता है.”भावसार एक एयर कंडीशनर तकनीशियन के रूप में काम करते हैं. इसके अलावा वो मिशन सेफ उत्तरायण नाम से एक फाउंडेशन भी चलाते हैं.

29 पुलों पर बांध चुके हैं तार
इस साल उन्होंने शहर के 50 में से 29 पुलों पर सुरक्षा तार बांधे हैं. 51 वर्षीय भावेश ने कहा, “हम पुलों के दोनों ओर बिजली के खंभों से तार बांधते हैं. हालांकि, नए पुलों में डिवाइडर के बीच में बिजली के खंभे होते हैं इसलिए, हमने इन पुलों पर बैनर लगाए हैं, जिसमें लोगों को सावधानी से चलने के लिए कहा जाता है.”भावसार प्रति पुल लगभग 2,500 रुपये खर्च करते हैं क्योंकि उन्हें पुल के एक तरफ को कवर करने के लिए 15 किलो तार की जरूरत होती है. उन्होंने कहा, "लोग दान के साथ उदार रहे हैं." उन्होंने कहा, "लोगों को मांझे के खतरों के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है. इस दौरान अगर लोग धीरे-धीरे सवारी करते हैं, तो घातक दुर्घटनाएं टाली जा सकती हैं.