Female Voters (File Photo: PTI)
Female Voters (File Photo: PTI) Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. कुल 243 सीटों पर 6 नवंबर और 11 नवंबर 2025 को चुनाव होने हैं. किसी भी गठबंधन को प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत होगी. इस समय बिहार में सियासी पारा चरम पर है. मुख्य मुकाबला NDA और INDIA गठबंधन में है. इस चुनाव में सभी दल महिला मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं. तरह-तरह के वादे कर रहे हैं. जिसकी ओर आधी आबादी गई, बिहार में उसकी सरकार बननी तय है. आइए जानते हैं किस पार्टी ने कितनी महिलाओं को दिया है टिकट, महिला वोटरों को रिझाने में क्यों जुटीं सभी पार्टियां और महिला मतदाताओं का अभी तक मतदान का क्या रहा है प्रतिशत?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025
1. कुल मतदाता: 7.43 करोड़
2. पुरुष मतदाता: 3.92 करोड़
3. महिला मतदाता: 3.5 करोड़
4. ट्रांसजेंडर: 1726
किस पार्टी ने कितनी महिलाओं को दिया है टिकट
1. एनडीए ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 35 पर महिला उम्मीदवार उतारे हैं.
2. महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस ने 204 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिसमें 29 सीटों पर महिला प्रत्याशी ताल ठोक रही हैं.
3. राजद: लालू-तेजस्वी की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) महिलाओं को टिकट देने के मामले में सबसे ऊपर है. आरजेडी ने कुल 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिसमें 24 महिला प्रत्याशी शामिल हैं. यह कुल उम्मीदवारों का 16% से थोड़ा अधिक है. आपको मालूम हो कि मोहनियां से राजद की एक महिला उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया है.
4. बीजेपी: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस पार्टी ने 13 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. यह कुल उम्मीदवारों का 13% है.
5. जदयू: नीतीश की पार्टी जदयू कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस पार्टी ने 13 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. यह कुल उम्मीदवारों का 13% है.
6. कांग्रेस: सोनिया और राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस ने 5 महिलाओं को अपना प्रत्याशी बनाया है.
7. लोजपा (र) और आरएलएम: चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (र) और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम ने कुल 6 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. कुशवाहा ने अपनी पत्नी स्नेहलता को भी टिकट दिया है. चिराग की पार्टी की एक महिला उम्मीदवार सीमा सिंह का मढ़ौरा सीट से नामांकन रद्द हो गया है.
8. हम: जीतन राम मांझी की पार्टी हम कुल 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसमें से दो महिलाओं को टिकट दिया. ये दोनों महिलाएं उनके परिवार या रिश्तेदार हैं.
महिला मतदाताओं को अपनी ओर करने की क्यों मची है होड़
आपको मालूम हो कि दशकों तक बिहार के मतदान प्रतिशत में पुरुषों का दबदबा रहा लेकिन पिछले कुछ विधानसभा चुनावों से महिलाओं ने पुरुषों के इस दबदबे को समाप्त कर दिया है. महिलाएं बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा ले रही हैं. महिलाओं ने चुनावी गणित को पूरी तरह से पलट दिया है. अब वह बिहार में सबसे शक्तिशाली वोटिंग ब्लॉक बन चुकी हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कुल वोटिंग 56.93 फीसदी हुई थी. इसमें महिला मतदाताओं का कुल 59.69 प्रतिशत हिस्सा था जबकि 54.45 प्रतिशत पुरुष ही घर से वोट देने के लिए निकले थे. कुल 243 विधानसभा सीटों में से 167 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से अधित वोट डाले थे.
इस चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बनी थी. विधानसभा चुनाव 2015 में कुल 56.66 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में भी महिलाओं को वोट प्रतिशत पुरुषों से अधिक था. इस चुनाव में 60.48 प्रतिशत महिला मतदान किया था जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 53.32 रहा था. बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में कुल 52.47 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसमें महिलाओं का अनुपात 54.49 प्रतिशत और पुरुष मतदाताओं का मत प्रतिशत 51.12 प्रतिशत रहा था. ऐसे में कोई भी दल महिला मतदाता को कम आंकने की भूल नहीं कर रहा है. सभी दलों में महिला मतदाताओं को अपनी ओर करने को लेकर होड़ मची हुई है.
सभी दल तरह-तरह के कर रहे वादे
महिलाओं ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और झारखंड में सरकार की वापसी कराई है. एमपी में लाडली बहना योजना, महाराष्ट्र में लाडकी बहन योजना और झारखंड में मईया सम्मान योजना ने सरकार की वापसी कराई है. ऐसे में बिहार में भी योजनाओं की झड़ी लगाई जा रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण की घोषणा की है. यह कदम उनकी उस रणनीति का हिस्सा है, जिससे उन्होंने महिला वोटरों का बड़ा समर्थन हासिल किया है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की गई है, जिसके तहत जीविका दीदियों को स्वरोजगार के लिए 10-10 हजार रुपये की राशि दी गई.
अब तक 1.21 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं. इन रुपए को लौटाना भी नहीं है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने चुनाव से पहले आंगनबाड़ी सेविकाओं और रसोइयों का मानदेय भी बढ़ाया है. उधर, नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का तोड़ निकालने के लिए महागठबंधन में शामिल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी और 30 हजार रुपए मासिक वेतन देने का वादा किया है. तेजस्वी यादव ने ऐलान किया कि महागठबंधन की सरकार बनने पर माई-बहन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने मां योजना और बेटी योजना लाने की भी घोषणा की है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ चुनावों से महिला मतदाताओं का झुकाव नीतीश की पार्टी जदयू की ओर रहा है. अब देखना है कि इस विधानसभा चुनाव में महिलाएं किस दल को अपना समर्थन दे रही हैं.