
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए एक के बाद एक राहत की घोषणाएं शुरू कर दी हैं. छात्राओं और महिलाओं को नौकरी में 35% आरक्षण देने के बाद अब उन्होंने आशा वर्कर्स और ममता वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की है.
आशा और ममता वर्कर्स की भूमिका अहम
नीतीश कुमार ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा और ममता वर्कर्स की भूमिका अहम रही है. उनके योगदान को देखते हुए हमने उनकी प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का फैसला किया है."
नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से हमलोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे ध्यान में रखते हुए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 30, 2025
नीतीश कुमार ने दावा किया कि इससे इन कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर होंगी.
कितना बढ़ा मानदेय?
आशा कार्यकर्ताओं को अब 1000 की जगह 3000 प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि मिलेगी.
ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव अब 300 की जगह 600 दिए जाएंगे.
आशा और ममता कार्यकर्ताओं को मिला तिनके का सहारा
इस बारे में जब कुछ आशा और ममता कार्यकर्ताओं से बात की गई तो उनका रुख मिला-जुला रहा. एक आशा वर्कर ने कहा, "नीतीश जी की इस घोषणा से हमें तिनके का सहारा मिला है लेकिन हमारी असली मांग तो 26,000 मानदेय, स्थायी नियुक्ति और रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 65 करने की है."
एक ममता कार्यकर्ता ने कहा, "ये फैसला अच्छा है लेकिन आधा अधूरा है. अगर हमारी बाकी मांगें भी मानी जाती हैं तो चुनाव के वक्त हम नीतीश जी के साथ खड़े रहेंगे."