scorecardresearch

Lalu Yadav Rabri Devi Marriage: कभी घर के दरवाजे पर थी सोने की परत, 500 गाय-भैंस वाली फैमिली की बेटी राबड़ी देवी से कैसे हुई गरीब लालू यादव की शादी, जानें पूरा किस्सा

Lalu Rabri Marriage: लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की शादी एक जून 1973 को हुई थी. राबड़ी देवी की फैमिली ने दहेज में 5 गाय और 5 बीघा जमीन दी थी. शादी के समय राबड़ी देवी की फैमिली के पास 500 गायें और भैंसें थीं. इसके अलावा उनके पिता के पास 38 गांवों का पीडीएस वितरण का काम भी था. राबड़ी देवी की फैमिली के पास आजादी के पहले दो मंजिला पक्का मकान था.

Lalu Yadav and Rabri Devi Lalu Yadav and Rabri Devi

बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में बिहार के दिग्गज सियासतदानों और उनकी जिंदगी की चर्चा लाजिमी है. बिहार की आवाम सियासत में बड़ा बदलाव करने वाले और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जिंदगी के हर पहलू को जानना चाहती है. लालू प्रसाद यादव की शादी राबड़ी देवी से हुई है. राबड़ी देवी भी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रही हैं. राबड़ी देवी इलाके के प्रभावशाली और संपन्न फैमिली से आती हैं. दोनों की शादी कैसे हुई? इसका जिक्र सीनियर जर्नलिस्ट संतोष सिंह ने अपनी किताब 'कितना राज, कितना काज' में किया है.

कभी सोने की परत वाले थे घर के दरवाजे-
किताब में राबड़ी देवी के मायके की हैसियत का जिक्र है. राबड़ी देवी एक प्रभावशाली और संपन्न फैमिली की लड़की थी. उनकी फैमिली का इलाके बड़ा प्रभाव था. सेलार कला इलाके में उनके पिता का हर कोई सम्मान करता था. राबड़ी देवी के मायके में आजादी के पहले साल 1934 में दो मंजिला पक्का मकान था. उसकी छत पक्की थी. किताब में लालू यादव के साले साधु यादव के हवाले से बताया गया है कि पूरे इलाके में उनके जैसा घर कोई और नहीं था. एक समय घर के दरवाजों पर सोने की परतें भी थीं. घर के सामने सीमेंट के 5 हाथी बने हुए थे.

शादी के वक्त फैमिली के पास 500 जानवर-
जब लालू यादव और राबड़ी देवी की शादी हुई, उस समय भी फैमिली इलाके में प्रभावशाली थी. राबड़ी देवी के पिता शिवप्रसाद चौधरी एक सरकारी ठेकेदार थे. वे पश्चिमी चंपारण में बेतिया और भैंसालोटन में पुल बनाने का ठेका लेते थे. जब जन वितरण प्रणाली यानी पीडीएस सिस्टम लागू हुआ तो फैमिली को बड़ा काम मिला. शिव प्रसाद चौधरी अपने गांव सेलार कला के आसपास के 38 गांवों में राशन का अनाज, चीनी और घासलेट का वितरण करते थे.

सम्बंधित ख़बरें

जिस समय लालू यादव और राबड़ी देवी की शादी हुई थी, उस समय फैमिली के पास 500 गाय और भैंसें थी. फैमिली के पास पश्चिम बंगाल के जगतदल में एक गोशाला भी थी. हालांकि उस समय लालू यादव की फैमिली की हैसियत राबड़ी देवी की फैमिली के सामने कुछ भी नहीं था. इसके बावजूद दोनों की शादी हुई. इसके पीछे भी एक किस्सा है.

अमीर खानदान में कैसे हुई गरीब लालू की शादी?
राबड़ी देवी की पढ़ाई-लिखाई ज्यादा नहीं हुई है. वो सिर्फ 5वीं पास हैं. राबड़ी देवी का घर स्कूल से 4 किलोमीटर दूर था. इसलिए उनको पढ़ाई छोड़नी पड़ी. जब राबड़ी देवी की शादी की बात आई तो उनके पिता शिव प्रसाद लड़के की तलाश कर रहे थे. उसी दौरान मादीपुर गांव के मुखिया ने शिव प्रसाद को पटना में पढ़ने वाले लालू यादव के बारे में बताया. आपको बता दें कि मादीपुर गांव राबड़ी देवी के गांव सेलार कला और लालू यादव के गांव फुलवरिया के बीच में है. इसलिए इस गांव के मुखिया की दोनों गांवों में जान-पहचान थी.

लालू यादव उन दिनों सियासत में एक्टिव थे. साल 1970 में पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे. शिव प्रसाद चौधरी को लालू यादव का व्यक्तित्व पसंद आया और उन्होंने लालू यादव से राबड़ी देवी की शादी की हामी भर दी.

एक जून 1973 को लालू यादव और राबड़ी देवी की शादी धूमधाम से हुई. शिव प्रसाद यादव ने अपनी बेटी राबड़ी देवी को दहेज में 5 बीघा जमीन और 5 गाय दी थी. शादी के बाद लालू यादव तेजी से सियासत की सीढ़ियां चढ़ते गए और सूबे में मुख्यमंत्री बने. समय का चक्र ऐसा घूमा कि एक दिन राबड़ी देवी भी बिहार की मुख्यमंत्री बनीं.

ये भी पढ़ें: