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रद्दी अखबार से बनाई ई-रिक्शा, चरखा, राम मंदिर और बद्रीनाथ आदि की कलाकृति, लॉकडाउन का किया सही उपयोग

उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर की गांधी कॉलोनी के लालबाग निवासी 19 वर्षीय तुषार शर्मा अपने पेपर क्राफ्ट के लिए मशहूर हैं. उनकी यह प्रतिभा लॉकडाउन के समय निखर कर सामने आई. पहले लॉकडाउन के दौरान सभी लोग अपने अपने घरो में थे और उस समय खालीपन को दूर करने के लिए कुछ न कुछ कर रहे थे. तब तुषार ने भी अखबार की रद्दी से कई अद्भुत कलाकृतियां बनाई.

तुषार शर्मा ने रद्दी अखबार से बनाया चरखा तुषार शर्मा ने रद्दी अखबार से बनाया चरखा
हाइलाइट्स
  • लॉकडाउन में निखरी प्रतिभा

  • पेपर क्राफ्ट ने दी पहचान

  • रद्दी अखबार से बनाए कई मॉडल

कहते है कि इंसान के अंदर की प्रतिभा कभी भी किसी भी परिस्थिति में निकलकर सामने आ सकती है. जैसा कि लॉकडाउन के दौरान हुआ. बहुत से लोगों ने खाली समय में अपनी प्रतिभा को निखारा. इन प्रतिभावान लोगों में उत्तर प्रदेश के एक छात्र का नाम भी शामिल होता है. 

उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर की गांधी कॉलोनी के लालबाग निवासी 19 वर्षीय तुषार शर्मा अपने पेपर क्राफ्ट के लिए मशहूर हैं. उनकी यह प्रतिभा लॉकडाउन के समय निखर कर सामने आई. पहले लॉक डाउन के दौरान सभी लोग अपने अपने घरो में थे और उस समय खालीपन को दूर करने के लिए कुछ न कुछ कर रहे थे. तब तुषार ने भी अखबार की रद्दी से कई अद्भुत कलाकृतियां बनाई.

रद्दी अखबार से बनाए तरह-तरह के मॉडल: 
 
तुषार ने इस काम की शुरुआत सिर्फ अपने समय को बिताने के लिए की थी. लेकिन फिर यह उनका शौक बनता चला गया. पहले उन्होंने अखबार और फेविकोल की से छोटी-मोटी चीजें बनाई. इसके बाद उनकी दिलचस्पी इस कला में बढ़ती रही. 

तुषार ने आज पुराने अख़बारों से पेंसिल बॉक्स, बाईक, स्कूटर और ई-रिक्शा जैसे कई मॉडल तैयार किये हैं. इन सब चीजों को देखकर तुषार के घरवालों ने उन्हें कुछ बड़े मॉडल बनाने के लिए प्रेरित किया. और इसके बाद तुषार का यह काम लॉक डाउन के बाद भी लगातार जारी रहा. 

लॉकडाउन में निखरी प्रतिभा

अब उन्होंने अयोध्या में बनाये जा रहे राम मंदिर, गोल्डन टैम्पल, केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, इंडिया गेट, वाइट् हाऊस आदि के साथ कई महापुरुषों के चित्रों के मॉडल भी बनाए हैं. अब तक उन्होंने लगभग 25 मॉडल बनाए हैं. 

पेपर क्राफ्ट ने दी पहचान: 

तुषर की इस प्रतिभा को लोगों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. बहुत से लोग उन्हें अब ‘पेपर क्राफ्ट’ के लिए जानने लगे हैं. अब तुषार भी इस कला को आगे बढ़ाना चाहते हैं और भविष्य में कुछ बड़ा करना चाहते हैं. साथ ही दूसरे लोगों को भी यह कला सिखाना चाहते हैं. 

उनका पूरा परिवार, खासकर कि उनके पिता उन्हें बहुत प्रोत्साहित करते हैं. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल भी इस छात्र मौके मिलने पर तुषार को अवॉर्ड दिलाने की बात कह रहे हैं. हालांकि फिलहाल वह अलग-अलग संगठनों द्वारा आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में अपने इन मॉडल्स की प्रदर्शनी लगाते हैं. 

बनाया अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल: 

तुषार ने बताया कि अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल 1500 न्यूज़पेपर स्टिक से बना है. उन्होंने अखबार की रद्दी और फेविकोल से पूरा मंदिर बनाया है. इसे बनाने में उन्हें सात दिन का समय लगा था. उनका कहना है कि इस तरह के बड़े मॉडल बनाने की प्रेरणा उन्हें अपनी बड़ी बहन और जीजाजी से मिली. 

बनाए हैं 25 मॉडल

तुषार के पड़ोसी और पेशे से शिक्षक धीरज गिरधारी का कहना है कि तुषार में टैलेंट बचपन से है. लेकिन स्कूल के दौरान ज्यादा समय नहीं मिलता था. पर आज तुषार की प्रतिभा को बाहर आते देखकर अच्छा लग रहा है. सभी मॉडल उन्होंने रद्दी अखबारों से बनाये हैं. ज्यादातर घरों में अखबारों को बेच देते हैं. लेकिन अब सबको तुषार से सीखना चाहिए कि कैसे वेस्ट को फिर से इस्तेमाल करें.

(मुज़फ्फरनगर से संदीप सैनी की रिपोर्ट)