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BSF Diwali 2025: सरहद पर मनेगी जवानों की दिवाली.. महिला जवानों ने लिया सजावट का जिम्मा, तो बेस से आएंगे पटाखे भी

अपने परिवार से दूर रह रहे बीएसएफ के जवानों ने भी दिवाली मनाने के लिए अपनी चौकियां सजाई है. रंगोली से लेकर पटाखों के साथ वह दिवाली मनाएंगे.

दीपावली पर्व में अब केवल दो दिन शेष हैं, और इसी के साथ भारत-पाकिस्तान सीमा पर त्योहार की रौनक शुरू हो गई है. मरुस्थल के सुदूर इलाकों में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने अपने-अपने सीमा चौकियों पर दीपावली की तैयारियों की शुरुआत कर दी है. सरहद के उस पार सन्नाटा है, लेकिन इस पार भारतीय जवानों ने अपनी चौकियों को रंगों और रोशनी से ऐसे सजा दिया है कि पूरा सीमांत इलाका दीपोत्सव की चमक से दमक उठा है.

महिला जवानों ने उठाया सजावट का जिम्मा
BSF की महिला जवानों ने सजावट की जिम्मेदारी संभालते हुए सीमांत चौकियों को आकर्षक रोशनी से सजाया है. दीपों की मृदुल ज्योति और रंगोली के सुंदर डिजाइनों से सरहद का हर चौकी द्वार मनमोहक दिखाई दे रहा है. महिला जवानों ने अपने हुनर से सुंदर रंगोली उकेरी है, जिनमें ‘शुभ दीपावली’ और पारंपरिक दीपों की आकृतियां बनाई गई हैं. इससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बन गया है.

हेडक्वार्टर ने भेजे दीए-पटाखे
BSF हेडक्वार्टर द्वारा भी सीमा पर तैनात जवानों के लिए दीपावली पूजन सामग्री, पटाखे, दीये और रंगोली के लिए रंग विशेष रूप से भेजे गए हैं. यह सब इसलिए ताकि सीमांत पर ड्यूटी कर रहे जवान भी अपने परिवार से दूर रहते हुए इस राष्ट्रीय पर्व की खुशियों में शामिल हो सकें.

देश की रक्षा और पर्व की खुशी एक साथ
दीपावली के अवसर पर सीमांत चौकियों पर विशेष पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. जवानों का कहना है कि वे भले ही अपने परिवारों से मीलों दूर हैं, लेकिन सीमा पर देश की रक्षा करते हुए इस पर्व को मनाना उनके लिए गर्व और प्रेरणा का अवसर है.

सरहद पर जलते दीप केवल रोशनी नहीं फैलाते, बल्कि यह संदेश भी देते हैं कि भारत के जवान हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा और परंपराओं की लौ जलाए रखते हैं. इस बार भी जैसलमेर की सीमा चौकियों पर दीपावली का पर्व उसी उल्लास और देशभक्ति के भाव से मनाया जा रहा है.

-विमल भाटिया की रिपोर्ट