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Bulldozer Action in UP: कब और किस संपत्ति पर चलता है बुलडोजर? जानें पुलिस को क्या है अधिकार

Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश में माफिया और अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर एक्शन शुरू किया गया है. हालांकि, पुलिस को किसी भी प्रावधान में किसी भी संपत्ति के ध्वस्तीकरण का अधिकार नहीं होता है.

Bulldozer Action Bulldozer Action
हाइलाइट्स
  • बुलडोजर एक्शन असल में 3 तरह से होता है

  • पुलिस को ध्वस्तीकरण का अधिकार नहीं है

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने माफिया और अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर का एक्शन शुरू किया है. यह असल में 3 तरह से किया जाता है. जिसमें अपराध से अर्जित संपत्ति, सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाई गई संपत्ति और बिना स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बनाई गई संपत्ति शामिल होती है.

कैसे करता है बुलडोजर एक्शन काम? 

सबसे पहले अपराध से अर्जित संपत्ति की बात करते हैं. जब किसी व्यक्ति पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज होता है, तो उस मुकदमे में गैंगस्टर अधिनियम के 14 (1) के तहत संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की जाती है. इसमें आरोपी के ऊपर दर्ज हुए पहले मुकदमे के बाद से अर्जित की गई पूरी संपत्ति अपराध से अर्जित संपत्ति मानी जाती है. यानि माना जाता है कि उस व्यक्ति ने यह संपत्ति अपराध से बनाई है, जिसे गैरकानूनी मानकर जब्त किया जाता है.

सरकारी जमीन को कब्जा की हुई संपत्ति पर एक्शन 

दूसरा, जो संपत्ति सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाई जाती है उस सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए उस इमारत का ध्वस्तीकरण किया जाता है. इसे स्थानीय प्रशासन या विकास प्राधिकरण के द्वारा चिन्हित किया जाता है कि यह सरकारी जमीन है और इस पर बनी इमारत अवैध है. इसके बाद ही इसे बुलडोजर से गिरा दिया जाता है.

तीसरी, उस संपत्ति पर बुलडोजर चलता है जो स्थानीय विकास प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा बिना नक्शा पास करवाए बनवाई जाती है. बिना नक्शा पास करवाए खड़ी की गई उस इमारत को अवैध बताकर ध्वस्तीकरण करवाया जाता है. 

असल में क्या हैं नियम?

पूर्व डीजीपी एके जैन इसपर कहते हैं कि पुलिस को कहीं भी किसी भी प्रावधान में किसी भी संपत्ति के ध्वस्तीकरण का अधिकार नहीं है. वह सिर्फ प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा सरकारी जमीन या बिना नक्शा पास करवाए की गई कार्रवाई में सुरक्षा के लिए खड़ी हो सकती है, किसी मकान को गिरवा नहीं सकती है.