
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 जुलाई को लिथियम और पांच अन्य खनिजों के वाणिज्यिक खनन (कमर्शियल माइनिंग) की अनुमति देने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (Mines and Minerals (Development and Regulation) Ac) में संशोधन को मंजूरी दे दी.
इन खनिजों में- लिथियम, बेरिलियम, टाइटेनियम, नाइओबियम, टैंटलम और ज़िरकोनियम शामिल हैं. इन खनिजों का उपयोग स्पेस टेक इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन में किया गया है और यह भारत के एनर्जी ट्रांजिशन में भी मदद करेंगे. इस संशोधन के बाद लिथियम और इन अन्य महत्वपूर्ण खनिजों के खनन को लेकर प्राइवेट फर्म्स पर सगे प्रतिबंध को वापस लिया जा सकता है.
EV सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा
कमर्शियल खनन की मंजूरी के पीछे का विचार ईवी बैटरी के निर्माण के लिए प्रमुख तत्व लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता को कम से कम करना है. इस नए बदलाव से ईवी इंडस्ट्री के लिए बड़े बदलाव आ सकते हैं.
साल 2014 के बाद से खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में यह पांचवां संशोधन है, जिसमें पहले के बदलावों में खनिज संसाधनों के लिए ई-नीलामी को अनिवार्य किया गया था. परिवर्तनों के अनुसार, कंपनियों को उन क्षेत्रों का सुझाव देने की अनुमति दी जाएगी जिन्हें वे तलाशना चाहती हैं और अंततः भारत में खनन करना चाहती हैं.
लिथियम है बहुत उपयोगी मिनरल
लिथियम दुनिया की सबसे हल्की और मुलायम धातु है. यह मिनरल अपने में स्टोर केमिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में परिवर्तित करता है. लिथियम एक अलौह धातु/नॉन-फेरस मेटल है और इलेक्ट्रिक वाहनों को पावर देने वाली बैटरियों के लिए महत्वपूर्ण घटकों में से एक है. यह मिनरल रिचार्जेबल बैटरियों में एक प्रमुख घटक है जो स्मार्टफोन और लैपटॉप के साथ-साथ इलेक्ट्रिक कारों जैसे कई गैजेट्स को पावर देता है.
भारत अपनी लिथियम जरूरत का लगभग 70% आयात के माध्यम से पूरा करता है, जबकि सरकार 2030 तक ईवी की पहुंच को वर्तमान 1% से बढ़ाकर 30% करना चाहती है. इस साल की शुरुआत में, भारत ने जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिलियन टन मूल्य के लिथियम भंडार की खोज की. लिथियम की मात्रा देश के लिए महत्वपूर्ण है.
अन्य मिनरल्स के उपयोग