
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले तीन साल में यमुना नदी के पानी को नहाने और पीने लायक बनाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही हैं. गृह मंत्री अमित शाह यमुना क्लीन प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी लगातार बैठकें और निगरानी कर रहे हैं.
यमुना सफाई का तीसरा चरण
यमुना नदी की सफाई का तीसरा चरण चल रहा है. नदी में जलकुंभी की सफाई मशीनों से की जा रही है, जो जल्द पूरी हो जाएगी. इसके बाद ड्रेजिंग के जरिए नदी की तलहटी को साफ किया जाएगा ताकि नदी में पानी का प्रवाह बना रहे.
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
नालों से गिरने वाले पानी को साफ करने के लिए जल्द ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाए जाएंगे. इसके लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. STP में नालों के गंदे पानी को यमुना में गिरने से पहले साफ किया जाएगा ताकि हानिकारक केमिकल और गंदगी को अलग किया जा सके.
वालंटियर्स की भर्ती
500 वालंटियर भी भर्ती किए जा रहे हैं, जो यमुना नदी के किनारे खड़े रहेंगे और लोगों को यमुना नदी में गंदगी और पूजा सामग्री डालने से रोकेंगे और जागरूक भी करेंगे. इस समय यमुना नदी में हर रोज़ 9 घंटे सफाई का काम हो रहा है. एक दिन में 140 घन मीटर जलकुंभी साफ किया जा रहा है. वजीराबाद पुल समेत कई जगहों पर जलकुंभी को साफ कर दिया गया है. इसके लिए क्रैश स्टीमर, रोबोटिक क्रैश स्टीमर और वेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
जलकुंभी हटाने के लिए 45 दिन का समय तय किया गया है, जिसमें से 20 दिन का काम हो गया है. उम्मीद है कि अगले 25 दिन में यमुना से जलकुंभी को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा. इसके बाद नदी से सिल्ट निकालने का काम शुरू हो जाएगा.
सरकारों का समन्वय
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच समन्वय और आवश्यक निर्देश और सलाह देने का काम गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं. कुछ समय पहले जैसी तस्वीर देखी थी उससे यही लगता था कि दिल्ली में यमुना की सफाई सिर्फ नेताओं के खोखले वादे बनकर ना रह जाए. लेकिन दिल्ली की नई सरकार ने जिस तरह की इच्छा शक्ति दिखाई और कार्रवाई की है, उससे यही लगता है कि पीएम मोदी ने 3 साल में यमुना की सफाई का जो लक्ष्य दिया है, वह पूरा हो जाएगा.