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Chhath Puja के लिए पटना प्रशासन ने लॉन्च किया 'छठ पूजा' मोबाइल एप्लिकेशन...मिलेगी घाटों की जानकारी

पटना प्रशासन ने छठ पर्व के दौरान घाटों की जानकारी, पार्किंग व्यवस्था और असुरक्षित घाटों की जानकारी देने के लिए छठ पूजा एप लॉन्च किया है. इस उत्सव के लिए 89 घाट और 45 तालाबों पर व्यवस्था की गई है.

Chhath Puja Chhath Puja
हाइलाइट्स
  • घाटों पर जोरों की तैयारी

  • पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था

पटना प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और सूचना तक आसान पहुंच के लिए गुरुवार को 'छठ पूजा' मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है. चार दिन मनाए जाने वाले छठ पर्व की शुरुआत आज 'नहाय खाये' से हो गई है. 

ये मोबाइल एप्लिकेशन स्थानीय लोगों को सुरक्षित और असुरक्षित घाटों की सूची, पार्किंग स्थल, जीपीएस नेविगेशन और तैनात अधिकारियों की कॉन्टेक्ट डिटेल्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा.

घाटों पर जोरों की तैयारी
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने अगले दो दिनों के लिए विभिन्न इलाकों में पवित्र जल के घरेलू वितरण के लिए 22 पानी के टैंकरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने कहा, “पटना नगर निगम पवित्र जल का घर-घर वितरण करेगा, जो छठ उत्सव के दौरान ‘प्रसाद’ तैयार करने और अनुष्ठान करने के लिए आवश्यक है. सभी घाटों पर तैयारी जोरों पर चल रही है. संबंधित अधिकारियों को गुरुवार रात (27 अक्टूबर) तक सभी तैयारियां पूरी करने को कहा गया है.

इसके अलावा जिला प्रशासन ने कम से कम 16 गंगा घाटों को छठ पूजा के लिए असुरक्षित घोषित किया है, जबकि उत्सव के लिए 89 घाट और 45 तालाबों की विस्तृत व्यवस्था की जा रही है. सिंह ने कहा कि चिन्हित असुरक्षित घाट लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से बंद रहेंगे.

पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था
असुरक्षित घाटों में नारियाल घाट, बांस घाट, समाहरणालय घाट, महेंद्रू घाट, टीएन बनर्जी घाट, अंता घाट, अदालत घाट, और किला घाट शामिल हैं, जो उच्च जल स्तर और दलदली नदी के नाम शामिल हैं. जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा, घाटों की बैरिकेडिंग का काम पूरा हो गया है. पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की सुविधा, सुरक्षित पेयजल, चेंजिंग रूम, शेड और पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. भीड़ की बारीकी से निगरानी के लिए घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.” 

इस बीच, धार्मिक अनुष्ठानों के लिए फल, सब्जियां और पूजा सामग्री खरीदने के लिए स्थानीय बाजारों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. पिछले साल कोरोना की वजह से बाजार भी सुस्त थे और लोगों को सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने की अनुमति नहीं थी.