
इस बार दिल्ली के लोग छठ पूजा सीधे यमुना नदी पर मनाएंगे. दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि श्रद्धालु नदी में उतरकर अर्घ्य दे सकेंगे और डुबकी भी लगा सकेंगे. यह 2019 के बाद पहली बार होगा जब राजधानी में श्रद्धालु नदी में ही पूजा कर पाएंगे. छठ पूजा से पहले यमुना की सफाई का काम तेज कर दिया गया है. नदी में सफाई के लिए मशीनें लगाई गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिले. दिल्ली सरकार के इस फैसले का राजधानी की लगभग सभी छठ समितियों ने स्वागत किया है.
ITO घाट पर होगी पहली बार नदी में पूजा
ITO घाट पर छठ पूजा समिति के अनुसार, हर साल यहां करीब डेढ़ लाख लोग छठ महापर्व में शामिल होते हैं. अब तक पूजा टेम्परेरी घाटों पर होती थी, जो छोटे होने के कारण लंबे इंतज़ार और भीड़भाड़ का कारण बनते थे. इस बार नदी में पूजा की अनुमति मिलने से श्रद्धालुओं में उत्साह और खुशी है.
समिति ने मुख्यमंत्री से की थी मुलाकात
ITO घाट पर छठ पूजा समिति के सचिव बृजेश पांडे ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से पत्र सौंपकर यमुना में पूजा की अनुमति मांगी थी. पत्र में यह भी अनुरोध किया गया कि पूजा से कुछ दिन पहले बैराज से ताज़ा पानी छोड़ा जाए, ताकि यमुना का पानी स्वच्छ रहे.
पल्ला से ओखला तक सभी घाट होंगे सुरक्षित और सुंदर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पल्ला से ओखला तक यमुना के सभी घाटों को सुंदर और साफ़ बनाया जाए. इसके साथ ही राजधानी भर में 1000 से ज़्यादा आर्टिफिशियल तालाब और घाट बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिले और भीड़ नियंत्रित रहे.
श्रद्धालु नदी में उतरकर दे रहे अर्घ्य
फिलहाल यमुना का पानी बारिश के कारण साफ़ है. श्रद्धालु अपनी परंपरा और आस्था के अनुसार डुबकी लगाते दिख रहे हैं. कुछ महिलाएं अपने परिवार में किसी की मृत्यु के बाद पूजा कर रही हैं और यमुना में स्नान कर रही हैं.
लंबे समय बाद यमुना में छठ पूजा की अनुमति मिलना दिल्लीवासियों के लिए बड़ी राहत है. अब राजधानी में श्रद्धा, परंपरा और प्रशासनिक सहयोग का संगम देखने को मिलेगा, जहां कभी प्रदूषण की वजह से पूजा नदी में नहीं हो पाती थी, अब वही यमुना फिर से आस्था का केंद्र बन गई है.
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