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Andhra Pradesh New Capital: विशाखापटनम होगी आंध्र प्रदेश की नई राजधानी, सीएम जगन ने की घोषणा, जानिए क्या था 3-कैपिटल प्लान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को घोषणा की कि विशाखापटनम राज्य की नई राजधानी होगी और जल्द ही सीएम और उनके अन्य मंत्री यहां से काम करना शुरू कर देंगे.

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मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार (31 जनवरी) को घोषणा की कि विशाखापटनम आंध्र प्रदेश की नई राजधानी होगी. अब तक हैदराबाद ही दोनों राज्य, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजधानी है. हालांकि, आंध्र प्रदेश के विभाजन के साथ तय हुआ था कि आने वाले सालों में अमरावती को राज्य की राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा. 

लेकिन आंध्र प्रदेश की नई राजधानी चुनने का निर्णय पिछले कुछ वर्षों में कई उतार-चढ़ावों से गुजरा है. इस मामले में आंध्र हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हस्तक्षेप कर चुके हैं. लेकिन मुख्यमंत्री रेड्डी ने विशाखापटनम को राज्य की राजधानी घोषित करके सबको चौंका दिया. 

क्या कहा मुख्यमंत्री रेड्डी ने 
नई दिल्ली में इंटरनेशनल डिप्लोमैटिक एलायंस मीट में निवेशकों को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि वह उन्हें विशाखापटनम में आमंत्रित कर रहे हैं, जो आने वाले दिनों में राज्य की राजधानी बनने जा रही है. आने वाले महीनों में मुख्यमंत्री रेड्डी भी विशाखापटनम शिफ्ट हो जाएंगे. उन्होंने निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित किया जो 3 और 4 मार्च को विशाखापटनम में आयोजित होने वाली है. 

इस घोषणा से कयास लगाई जा रही हैं कि सीएम जगन अपनी तीन राजधानियों की योजना के साथ आगे बढ़ेंगे. उनकी योजना विकेंद्रीकरण के माध्यम से आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य की तीन राजधानियां स्थापित करने की है. जगन ने अमरावती को लेजिस्लेटिव राजधानी, विशाखापटनम को एग्जीक्यूटिव (कार्यकारी) राजधानी और कुरनूल को राज्य की ज्यूडिशियल (न्यायिक) राजधानी के रूप में विकसित करने का प्रपोजल दिया था. 

कानूनी पचड़ों में फंसी योजना 
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2020 में, जगन सरकार ने आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (APCRDA) एक्ट, 2014 को रद्द करते हुए विधानसभा में एक विधेयक पारित किया, जिसे पिछली TDP सरकार ने पारित किया था, जिसमें अमरावती को राज्य की भावी राजधानी के रूप में तैयार करने की बात कही गई थी. 

जगन सरकार ने आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास अधिनियम, 2020 भी पारित किया, जो राज्य के लिए तीन अलग-अलग राजधानियों का प्रावधान करता है. इस अधिनियम के खंड 7 में कहा गया है कि शासन के विकेंद्रीकृत मॉडल को सक्षम करने और राज्य में एक समावेशी शासन प्रदान करने के लिए आंध्र प्रदेश राज्य में शासन की तीन (3) सीटें होंगी, जिन्हें 'राजधानी' कहा जाएगा. 

हालांकि, जगन सरकार की योजना मुश्किल में पड़ गई. पिछले टीडीपी शासन के तहत अमरावती में राजधानी शहर के विकास के लिए अपनी जमीन देने वाले सैकड़ों किसानों ने, सरकार के विकेंद्रीकरण के फैसले को चुनौती दी और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. 

हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला 
3 मार्च, 2022 को, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अमरावती के लिए जमीन देने वाले किसानों की याचिकाओं पर विचार किया और राज्य सरकार को राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CRDA) के तहत परिकल्पित (पूर्ववर्ती) प्रस्तावित राजधानी को विकसित करने का निर्देश दिया. पिछली टीडीपी सरकार का अधिनियम, और शहर को विकसित करने के लिए छह महीने की समय सीमा निर्धारित की. 

इसके बाद, राज्य सरकार ने पिछले साल सितंबर में उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. 28 नवंबर, 2022 को हाईकोर्ट के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और उनके क्रियान्वयन पर रोक लगा दी. हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आना अभी बाकी है.   

जगन सरकार ने लिया निर्णय
मार्च 3-4 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले, विशाखापटनम को सजाने और सुशोभित करने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह शहर 28 और 29 मार्च को G20 समिट वर्किंग ग्रुप कमेटी की मेजबानी भी करेगा.

सीएम और लगभग पूरी सरकार मार्च में विशाखापटनम से काम करेगी, और राजधानी के लिए एक आधार शहर में स्थापित किए जाने की संभावना है. वाईएसआरसीपी के मंत्री पहले से ही मुख्यमंत्री रेड्डी के लिए कार्यालय की जगह और एक उचित कार्यालय-सह-निवास की तलाश कर रहे हैं.