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अंबेडकर जयंती पर बाबा साहेब को योगी का नमन, मिशन 2024 के लिए दलित एजेंडे पर नजर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती पर उनको नमन किया और प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि अगला कार्यक्रम उस भव्य स्मारक में होगा जो बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
हाइलाइट्स
  • डॉ. अंबेडकर की मनाई गई 131वीं जयंती

  • महासभा में लगे 'बुलडोजर बाबा जी जय' के नारे

अंबेडकर जयंती पर यूँ तो देश भर में कार्यक्रम हो रहे हैं पर यूपी में दोबारा पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल कर चुकी बीजेपी ख़ास उत्साहित है. पार्टी ने न सिर्फ़ अपने हर पदाधिकारी की ज़िलों में ड्यूटी लगा दी बल्कि सांसद, केंद्रीय मंत्री और योगी सरकार के मंत्री भी ज़मीन पर उतर पड़े. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में डॉ अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए तीन कार्यक्रमों में शिरकत की. इस मौके पर सीएम आदित्यनाथ ने बताया कि वंचित वर्ग के लिए उनकी सरकार ने क्या काम किए हैं.


बीजेपी उत्साह में, प्रदेश भर में कार्यक्रम 


दोबारा बहुमत से सत्ता में वापसी कर उत्साहित बीजेपी ने इस बार अम्बेडकर जयंती पर कार्यक्रमों की लम्बी शृंखला तैयार की है. सामाजिक समरसता दिवस के रूप में जहां इस दिन को मनाया जा रहा है वहीं पूरे पखवाड़े कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस से शुरू हुए ‘सेवा सप्ताह’ को भी 14 अप्रैल तक मनाया गया. ज़ाहिर है कार्यक्रमों की लम्बी शृंखला है. ख़ास बात ये है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जहां इन कार्यक्रमों में सक्रिय नज़र आ रहे हैं वहीं यूपी बीजेपी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी कई कार्यक्रमों में शामिल हुए. इसके बाद भी बीजेपी नेता दलित बस्तियों में जाकर केंद्रीय योजनाओं से होने वाले लाभ की जानकारी इस वर्ग को देंगे.

 

अंबेडकर महासभा में ‘बुलडोज़र बाबा की जय’ के नारे

 

हज़रतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद योगी आदित्यनाथ अम्बेडकर महासभा के कार्यक्रम में पहुँचे. अम्बेडकर महासभा में ही 2018 में योगी आदित्यनाथ को ‘दलित मित्र’ की उपाधि दी गयी थी. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, यूपी सरकार के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और कई मंत्रियों जिनमें स्वतंत्र देव सिंह, जय वीर सिंह और असीम अरुण की मौजूदगी में ‘बुलडोजर बाबा की जय’ के नारे भी लगे. यूपी सीएम ने बाबासाहेब को नमन करते हुए कहा कि अग़ला कार्यक्रम उस भव्य स्मारक में होगा जो बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार किया जा रहा है. इस स्मारक का निर्माण यूपी सरकार करवा रही है जिसमें ऑडिटॉरीयम के अलावा शोध केंद्र और भव्य पुस्तकालय जैसी सुविधाएँ भी होंगी. इस मौक़े पर बोलते हुए सीएम योगी ने जहां प्रधानमंत्री आवास, शौचालय निर्माण जैसी केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अपने सरकार की योजनाएँ गिनायीं, वहीं इस बात को बताया कि वंचित वर्ग का साथ सिर्फ़ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने किया. बता दें कि अम्बेडकर महासभा में ही बाबासाहेब का अस्थि कलश रखा है जिसको 1991 में उनकी पत्नी डॉ सविता अम्बेडकर ने अम्बेडकर महासभा को सौंपा था.

 

मिशन 2024 के लिए ज़मीन तैयार करने की कोशिश


इस विधानसभा चुनाव में ये बात लगभग साफ़ हो गई कि मायावती के राजनीतिक रूप से हाशिए पर जाने से दलित वर्ग एक विकल्प की तलाश में है. इस तलाश को बीजेपी में पूरा होते हुए देखा जा सकता है. ख़ास तौर पर ‘ग़ैर जाटव दलित’ को बीजेपी ने बाक़ायदा अपने पाले में करने की रणनीति बनाई है. इसमें एक बात ये भी थी कि वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए उनके जीवन स्तर को उठाने में वो योजनाएं मददगार साबित हुईं जिनसे बड़ी संख्या में इस वर्ग को लाभ मिला है. यानि शौचालय, आवास, गैस कनेक्शन जैसी बातों का असर पड़ा. विधानसभा चुनाव के बाद हुए विश्लेषण और वोटिंग पैटर्न (voting pattern) पर अगर ध्यान दें तो ये साफ़ है कि बीजेपी की जीत की एक बड़ी वजह लाभार्थियों (beneficiaries) का वोट है और सामाजिक और जातिगत आँकड़ों के अध्ययन से साफ़ है कि लाभार्थियों में बड़ी संख्या दलित वर्ग की है. 
वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल मानते हैं कि ‘मायावती ने दलितों को आयडेंटिटी क्राइसिस से बाहर तो निकाला पर अब बीजेपी दलितों के लिए एकमात्र विकल्प है. पार्टी के बारे में दलित वर्ग के फ़ीडबैक ने काम किया. जैसे बीजेपी में सम्मान भी मिल रहा, दलित भारतीय जनता पार्टी में पदाधिकारी भी बन रहे, पार्टी ठीक से एससी /एसटी एक्ट को लागू भी कर रही. समाजवादी पार्टी पहले से दलितों की स्वाभाविक पसंद नहीं थी. ऐसे में इस वर्ग का वोटर बीजेपी की ओर मुड़ गया. 

 

मायावती ने ट्वीट कर पार्टियों को घेरा

 

अंबेडकर जयंती पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बाबासाहेब को नमन किया तो ट्वीट कर संकेतों के ज़रिए बीजेपी पर हमला बोला. मायावती ने लिखा- ‘जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विरोधी पार्टियों व उनकी सरकारें बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के संघर्षों और आदर्शों की अवहेलना करके उनके अनुयायियों पर शोषण, अन्याय, अत्याचार व द्वेष आदि जारी रखें, किंतु उनके आत्म सम्मान व स्वाभिमान के लिए बीएसपी मूवमेंट रुकने व झुकने वाला नहीं.’ ज़ाहिर है आने वाले दिनों के सियासी लक्ष्य को देखते हुए मायावती को इस चुनौती का आभास है कि उनके वोट बैंक पर सेंध की बीजेपी की कोशिश का जवाब उनको ढूँढना होगा.