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CP Radhakrishnan Biography: संघ से पांच दशक पुराना रिश्ता, तीन राज्यों में निभाई राज्यपाल की भूमिका, अब बने उप-राष्ट्रपति... जानिए कैसा रहा सीपी राधाकृष्णन का राजनैतिक जीवन

जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद, अगस्त 2025 में भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने उन्हें एनडीए का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया था. इस जीत के बाद राधाकृष्णन अब भारत के अगले उपराष्ट्रपति होंगे और राज्यसभा के सभापति का पद भी संभालेंगे.

CP Radhakrishnan CP Radhakrishnan

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक एलायंस (NDA) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने चुनाव जीत लिया है. वह 452 वोटों के साथ भारत के नए उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. दूसरी ओर, इंडिया एलायंस के उम्मीदवार और पूर्व न्यायमूर्ति जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. यानी राधाकृष्णन ने 152 वोटों के साथ उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की. राज्यसभा के महासचिव प्रमोद चंद्र मोदी ने मंगलवार को मीडिया के सामने इसकी पुष्टि की.

राधाकृष्णन एक किसान परिवार से आते हैं और पिछले पांच दशक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिस्सा हैं. आइए डालते हैं भारत के नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन के जीवन पर एक नज़र. 

तमिलनाडु में जन्म, संघ से संबंध
चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ. उन्होंने वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज, तुलूकोड़ी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक (BBA) की डिग्री हासिल की. उनकी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से शुरू हुई और वे जनसंघ के राज्य कार्यकारिणी समिति में 1974 में शामिल हुए .

राजनीतिक करियर और संसदीय अनुभव
राष्ट्रवादी राजनीति में राधाकृष्णन की पकड़ गहरी रही. उन्होंने 1996 में तमिलनाडु भाजपा के सचिव और फिर 2004-07 में राज्य अध्यक्ष के रूप में काम किया. वह 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा के लिए दो बार चुने गए. दोनों बार उन्होंने डीएमके के उम्मीदवार को क्रमशः 1.5 लाख और 55,000 वोट से हराकर जीत हासिल की.

इस दौरान वह संसद की कई समीतियों (जैसे टेक्सटाइल्स, PSU, वित्त) के सदस्य और अध्यक्ष भी रहे. उन्होंने 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में भारत का प्रतिनिधित्व किया. 

प्रशासनिक और संवैधानिक पद
राजनैतिक सफलता के बाद प्रशासनिक क्षेत्र में भी उन्होंने कई जिम्मेदारियां संभाली. वह 2016-20 में कोइर बोर्ड (Coir Board) के अध्यक्ष रहे, जहां उन्होंने निर्यात को ₹2,532 करोड़ तक बढ़ाया. 2020-22 में वे केरल के लिए भाजपा के राष्ट्रीय प्रभारी रहे. फिर फरवरी 2023 में झारखंड के राज्यपाल बने. मार्च 2024 में अतिरिक्त रूप से तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में काम करने के बाद उन्होंने जुलाई 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली. 

जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद, अगस्त 2025 में भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने उन्हें एनडीए का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया. 9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव हुआ. इस चुनाव में राधाकृष्णन को NDA का उम्मीदवार बनाया गया तो वहीं इंडिया ब्लॉक ने न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा. इस जीत के बाद राधाकृष्णन अब भारत के अगले उपराष्ट्रपति होंगे और राज्यसभा के सभापति का पद भी संभालेंगे.