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Darjeeling Toy Train: दार्जिलिंग टॉय ट्रेन का 144वां जन्मदिन, विश्व धरोहर को विश्व दिवस बनाने की मांग

यह ट्रेन 4 जुलाई 1881 को शुरू हुई थी और आज भी सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक की यात्रा करती है. इस ट्रेन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है.

Darjeeling Toy Train (Photo: Facebook) Darjeeling Toy Train (Photo: Facebook)

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन का 144वां जन्मदिन मनाया गया. इस अवसर पर बच्चों और बड़ों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया. यह ट्रेन 4 जुलाई 1881 को शुरू हुई थी और आज भी सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक की यात्रा करती है. इस ट्रेन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है.

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन का इतिहास
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन का सफर 4 जुलाई 1881 को शुरू हुआ था. यह ट्रेन सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक की दूरी तय करती है और अपनी छोटे पटरियों पर फर्राटा भरती है. यह ट्रेन प्राकृतिक नजारों के बीच से गुजरती है, जो यात्रियों के लिए एक रोमांचक अनुभव होता है.

144वां जन्मदिन समारोह
इस साल, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन का 144वां जन्मदिन मनाया गया. इस खास आयोजन में बच्चों से लेकर बड़ों ने पूरे जोश के साथ शिरकत की. सुखना रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन का जन्मदिन मनाया गया, जहां सभी ने इस ट्रेन के साथ अपने जुड़ाव को महसूस किया.

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दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन स्थानीय समुदाय और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर है. यह ट्रेन विदेशी और भारतीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह ट्रेन उनकी जिंदगी से जुड़ी हुई है और इसे सहेजने के लिए जनता के सहयोग की जरूरत है.

अंतरराष्ट्रीय टॉय ट्रेन दिवस की पहल
भविष्य में, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन के जन्मदिन को विश्व टॉय ट्रेन दिवस के रूप में मनाने की पहल की जा रही है, इस प्रयास का उद्देश्य इस ट्रेन की अलग पहचान बनाए रखना है, क्योंकि यह दुनिया की पहली माउंटेन रेलवे है.