Daughter murdered due to superstition in Gujarat
Daughter murdered due to superstition in Gujarat हम एक ऐसे वक़्त में जी रहे हैं जब विज्ञान एक्सट्रीम पर है. साइंस की दुनिया में मंगल में जीवन तलाशने की बात हो रही है. साइंस और विकास की बड़ी- बड़ी बातें हो रही हैं.. लेकिन अंधविश्वास में लोग अभी भी अंधे हैं... इसका एक ताजा उदाहरण गुजरात के गिर सोमनाथ से सामने आया है. जहां पर एक पिता और चाचा ने भूत उतारने के लिए एक मासूम बच्ची को मौत के घात उतार दिया. धैर्या नाम की इस बच्ची की उम्र महज 14 साल थी .
मामले में गिर सोमनाथ पुलिस ने धैर्या के पिता भावेश अकबरी और चाचा दिलीप को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के दोस्तों से आगे की पूछताछ के लिए राजकोट, अहमदाबाद और दूसरी जगहों पर अपनी टीम भी भेज दी है.एसपी मनोहरसिंह जडेजा के मुताबिक, भावेश को अपनी बेटी पर किसी बुरी आत्मा के असर का शक था, और बुरी आत्मा से निजात दिलाने के लिए उसने अपने भाई दिलीप के साथ मिलकर अपनी बेटी की हत्या कर दी, फिल्हाल दोनों पुलिस की हिरासत में हैं. मनोहरसिंह जडेजा ने नरबलि की चर्चा को नकारा है, वो कहते हैं कि अब तक ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा है,
छह दिनों तक खेत में बच्ची को दी तरह-तरह की यातनाएं
बताया जा रहा है कि धैर्या के चाचा दिलीप जादू टोना पर विश्वास करते थे, और इसलिए उसे शक था कि बच्ची के शरीर में कोई बुरी आत्मा प्रवेश कर गई है. भूत को भगाने के लिए दोनों भाई धैर्या को 1 अक्टूबर को खेत ले गए और अंधविश्वास के चलते काला जादू उतारने के लिए बच्ची को गन्ने के खेत में बांध दिया. दो अक्टूबर को, दिलीप और भावेश ने बच्ची को लाठी और लोहे के तार से पीटा, बच्ची के बालों को एक छड़ी से बांध दिया और उसके बगल में दो कुर्सियां रख दीं, बच्ची को चार से पांच दिनों तक बिना खाना-पानी के रखा. 7 अक्टूबर को बच्ची मर गई.
बच्ची के नाना को हुआ शक
बच्ची की मौत के बाद दोनों भाइयों ने बिना परिवार वालों को बताए बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया, बाद में भावेश ने पत्नी को बेटी की मौत की बात बताई, पत्नी ने अपने पिता को सारी बात बताई. जानकारी मिलते ही भावेश के ससुर वलजीभाई डोबरिया ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, और बताया कि दिलीप ने धैर्या को संक्रामक बीमारी होने की झूठी कहानी गढ़ी, उसने सबसे ये कहा कि शरीर पर छाले पड़ने से धैर्या की मौत हो गयी, और ये बीमारी इतनी खतरनाक थी कि किसी को भी लग सकती थी, इसलिए अंतिम संस्कार में किसी को नहीं बुलाया.
8 अक्टूबर को बच्ची का कर दिया दाह-संस्कार
बच्ची के नाना को इस बात पर यकीन नहीं हुआ,और दिलीप पर सच बोलने का दबाव भी डाला. खबर के मुताबिक, दिलीप ने कहा कि धैर्या एक बुरी आत्मा के चंगुल में थी , इसलिए उसने अपनी बेटी को खेत में बांधकर भूखा-प्यासा रखा, इसी बीच उसकी मौत हो गई.