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Women's Day Special : इन फैसलों ने महिलाओं के सपनों की उड़ान में लगाए पंख, जब ट्रिपल तलाक और शादी की उम्र बढ़ाने पर झूम उठी थीं देश की बेटियां

महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी इंटरनेशनल वुमन्स डे 8 मार्च को मनाया जाता है. आज उन्हीं अधिकारों की बात करेंगे जो बीते कुछ सालों में महिलाओं के हित में लिए गए.

महिलाओं के हित में लिए गए अहम फैसले महिलाओं के हित में लिए गए अहम फैसले
हाइलाइट्स
  • शायरा बानो ने सालों तक लड़ी थी तीन तलाक की लड़ाई

  • शादी की उम्र 21 होने से बढ़े पढ़ाई के तीन साल

शहर का तब्दील होना, शाद रहना और उदास रौनकें जितनी यहां हैं औरतों के दम से हैं... मुनीर नियाजी की यह शायरी औरतों के होने को और अहमियत दे देती है. अहमियत तो कई तारीखों की भी है. उन तारीखों की जब महिलाओं के पंखों को उड़ान दी गई और उनके हित में फैसले सुनाए गए. इन तारीखों और फैसलों को याद करते हुए खुशी में झूम उठती महिलाओं के चेहरे भी आंखों के सामने आ जाते हैं. 

महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी इंटरनेशनल वुमन्स डे 8 मार्च को मनाया जाता है. आज उन्हीं अधिकारों की बात करेंगे जो बीते कुछ सालों में महिलाओं के हित में लिए गए और इन फैसलों ने इनकी जिंदगी बदल कर रख दी. 

ट्रिपल तलाक कानून 

1 अगस्त 2019 को देश में ट्रिपल तलाक (Triple Talaq) कानून लागू हुआ था. तीन तलाक की लड़ाई सालों पुरानी थी. यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद संसद तक पहुंचा और इस पर कानून बना. यह फैसला शायरा बानो जैसी महिलाओं की हमेशा याद दिलाता रहेगा, जिन्होंने अपने हक की लड़ाई के लिए सालों कोर्ट के चक्कर काटे और मजबूर कर दिया इसपर कानून बनाने के लिए. यह मुस्लिम महिला (विवाह से जुड़े अधिकारों का संरक्षण) कानून है. 

महिलाओं की शादी की उम्र 21

साल 2019 के बाद 2021 भी जाते-जाते महिलाओं को एक और उपहार दे गया था. केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने का फैसला किया तो देश भर की बेटियों ने जश्न मनाया. इस फैसले के बाद शादी के लिए लड़का और लड़की की उम्र समान हो गई. यह महिलाओं के लिए इसलिए जरूरी था क्योंकि शादी के बाद उन्हें पढ़ने नहीं दिया जाता. शादी के तीन बढ़ने से उनकी पढ़ाई के भी तीन साल बढ़ गए.  

NDA की परीक्षा देने का अधिकार 

18 अगस्त 2021 इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा में छात्राओं को बैठने की मंजूरी दी थी. साथ ही महिला अभ्यर्थियों को एनडीए- 2 परीक्षा (UPSC NDA Exam 2021) के लिए कोई  आवेदन शुल्क नहीं था. आयोग ने महिला अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क में छूट दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन लड़कियों के चेहरे पर चमक दिखी जो सेना में जाने का सपना देखती हैं. 

बेटियों को प्रॉपर्टी में बेटों की तरह हक

20 जनवरी 2022, जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा बिना वसीयत किए मर जाने वाले हिंदू पुरुष की बेटियां, पिता की स्व-अर्जित (खुद की कमाई) और बंटवारे में मिली दूसरी संपत्तियों को विरासत में पाने की हकदार होंगी. इसका सीधा मतलब है अगर पिता की बिना वसीयत बनाए मौत हो जाती है तो भी बेटी संपत्तियों में अपने हिस्से का दावा कर सकती है. 

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