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Delhi Cabinet: छोटे मोटे कामों के लिए अलग से फंड, दिल्ली की रेखा गुप्ता कैबिनेट का फैसला

दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में एकीकृत जिला परियोजना निधि (Integrated District Project Fund) एवं जिला परियोजना निधि (District Project Fund) को स्वीकृति प्रदान की गई है. इन योजनाओं के लिए कुल 53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

Rekha Gupta (Photo/PTI) Rekha Gupta (Photo/PTI)

दिल्ली सरकार की रेखा कैबिनेट की बैठक में एकीकृत जिला परियोजना निधि (Integrated District Project Fund) एवं जिला परियोजना निधि (District Project Fund) को स्वीकृति प्रदान की गई है. इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत दिल्ली के सभी 11 सरकारी जिलों में छोटे, लेकिन जरूरी विकास कार्य बिना किसी बाधा के समय पर पूरे किए जा सकेंगे. इन योजनाओं के लिए कुल 53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. जिसमें से 20 करोड़ रुपये एकीकृत निधि के लिए और 33 करोड़ रुपये जिला परियोजना निधि के लिए आवंटित किए गए हैं. हर जिले को करीब 3 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे.

छोटे मोटे कामों के लिए अलग से फंड-
यह योजना विशेष रूप से जमीनी स्तर पर विकास कार्यों की गति बढ़ाने और लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रभावी एवं शीघ्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इस निधि से सड़कों, स्कूलों, डिस्पेंसरियों, सामुदायिक केंद्रों, सार्वजनिक शौचालयों, पार्कों और अन्य बुनियादी ढांचे से जुड़े मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जाएंगे. इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाढ़ नियंत्रण, स्ट्रीट लाइट्स, सीसीटीवी कैमरों के रखरखाव जैसे सामाजिक कल्याण से जुड़ी परियोजनाओं को भी इस फंड से सहायता प्राप्त होगी.

कौन करेगा योजना का संचालन?
इस योजना का संचालन प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी (PAC) के जरिए किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे. जबकि अतिरिक्त जिलाधिकारी सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे. समिति में एसडीएम, बीडीओ, वरिष्ठतम लेखा अधिकारी और लाभार्थी विभाग के प्रतिनिधि सदस्य भी शामिल होंगे. यह संरचना यह सुनिश्चित करेगी कि स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान कर सही दिशा में संसाधनों का आवंटन हो और परियोजनाएं समय पर पूर्ण हों.

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इस नए निधि प्रावधान से दिल्ली के हर जिले में त्वरित और प्रभावी विकास कार्यों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो राजधानी के समग्र विकास में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा.

सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने का फैसला-
सरकार ने सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाने का फैसला किया है. सरकार इसके लिए 900 करोड़ रुपए खर्च करेगी. 18966 स्मार्ट ब्लैक बोर्ड लगाने का बजट कैबिनेट से पास किया गया है. सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने का काम 5 चरणों में किया जाएगा. इस स्मार्ट बोर्ड को चलाने के लिए टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी.

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