Delhi Air Pollution
Delhi Air Pollution
दिल्ली को प्रदूषण में छोड़कर गुजरात में अय्याशी के लिए जाने वाले एलजी साहब वापस आ गए हैं क्या? यही सवाल आज दिल्ली की ज़हरीली हवा में तैर रहा है. राजधानी दम घोंटू प्रदूषण से जूझ रही है, लेकिन उपराज्यपाल का फोकस समाधान पर नहीं, बल्कि पत्रों और कैमरों पर दिखाई देता है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने साफ कहा कि एलजी का एक ही काम रह गया है, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई करना और पत्र लिखना। जब केजरीवाल सत्ता में थे, तब भी वही रट थी, और आज जब वे मुख्यमंत्री नहीं हैं, तब भी अरविंद केजरीवाल को लेकर वहीं फोबिया नजर आ रहा है. यह महज़ संयोग नहीं, बल्कि एक तयशुदा भूमिका का निर्वहन है.
मौजूदा सरकार से सवाल पूछें एलजी- अनुराग
इस पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने तीखा कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया, क्या एलजी साहब को याद है कि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हैं? अगर प्रदूषण पर सवाल पूछने ही थे, तो मौजूदा सरकार से पूछे जाते. मगर यहां तो ग्रेप-4 आज लगाया जाता है, कल हटा लिया जाता है, और दिल्ली धीरे-धीरे प्रदूषण की गर्त में धकेली जा रही है.
एलजी साहब की याददाश्त पर भी हवा का असर पड़ गया है- अनुराग
ढांडा ने कहा कि राजधानी की हवा फेफड़ों पर असर कर रही है, लेकिन लगता है एलजी साहब की याददाश्त पर भी असर पड़ गया है. योगी आदित्यनाथ द्वारा “दो नमूनों” की तलाश की टिप्पणी का हवाला देते हुए उन्होंने तंज कसा कि एक नमूना तो पहले ही खुद को साबित कर चुका है, अब दूसरा नमूना भी कैमरे के सामने हाथ उठाकर कह रहा है, मैं भी हूं. कैमरे के प्रति यह आकर्षण, पर ज़मीन पर काम का अभाव, आज दिल्ली की सच्चाई बन गया है.
हकीकत यह है कि दिल्ली की मौजूदा बदहाली के लिए उस सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है जो सत्ता में है ही नहीं. यह या तो तथ्यों से अनभिज्ञता है या जानबूझकर सच्चाई से मुंह मोड़ना. उपराज्यपाल रहते हुए भूमिका समाधान देने की होनी चाहिए थी, न कि बीजेपी सरकार की तरह राजनीतिक टिप्पणी करने की. प्रदूषण, सड़कें, महंगाई और अव्यवस्था इन सब पर जवाबदेही आज भाजपा की सरकार और उनके लापरवाह प्रशासन की बनती है.
दिल्ली की जनता सब देख रही है- AAP
बीते कार्यकाल को कोसकर वर्तमान की विफलताओं को ढका नहीं जा सकता. दिल्ली की जनता देख भी रही है और समझ भी रही है, काम किसने किया और सत्ता में आते ही बहाने किसने बनाए. जब अपनी ही सरकार एलजी को गंभीरता से नहीं ले रही, तो जनता क्यों ले? यही वजह है कि आज असल सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिशें बेनकाब हो रही हैं. एलजी विनय कुमार सक्सेना द्वारा प्रदूषण पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी, दरअसल, जवाबदेही से बचने की एक और कवायद बनकर रह गई है. दिल्ली को ज़रूरत है ठोस फैसलों की, निरंतर नीति की और जिम्मेदार शासन की, पत्रों और कैमरों की राजनीति से नहीं, साफ हवा और साफ नीयत से ही राजधानी बचेगी.
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