
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमेरिका से भारत आने वाले कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ करने को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अमेरिका से भारत आने वाली कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ कर दी है. सरकार ने पहले 19 अगस्त से 30 सितंबर तक इंपोर्ट ड्यूटी हटाई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी है. इससे अमेरिकी कपास भारत में हमारे किसानों की कपास से 15-20 फीसद सस्ती हो जाएगी. अक्टूबर में जब तक हमारे किसानों की कपास मंडी में आएगी, तब तक टैक्सटाइल इंडस्ट्री अपनी जरूरत की कपास खरीद चुकी होगी. फिर हमारा किसान औने-पौने दाम पर अपनी कपास बेचने को मजबूर होगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी ने ट्रम्प के आगे पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं. यह न केवल किसानों, उद्योगों और रोज़गार के लिए ख़तरनाक है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के सम्मान पर भी प्रहार है. ट्रम्प के आगे मोदी जी नतमस्तक क्यों हैं? देश जानना चाहता है कि उनकी क्या मजबूरी है? जितना ट्रम्प के आगे झुकोगे, वो उतना ही झुकाएगा. एक बार उसको मुंहतोड़ जवाब तो दो. फिर देखो वो कैसे भीगी बिल्ली बनता है. ट्रम्प एक कायर और बुझदिल आदमी है. जिस देश ने भी ट्रम्प का बहादुरी से जवाब दिया, ट्रम्प को उनके आगे झुकना पड़ा. इसलिए मोदी से मांग है कि अमेरिकी कपास पर 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी फिर से लगाकर अपने किसानों को आत्महत्या करने से बचाइए. साथ ही, 7 सितंबर को आम आदमी पार्टी मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ गुजरात में सुरेंद्र नगर के चोटिला में बड़ी जनसभा करेगी.
अमेरिकी कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी माफ करना धोखा-केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीठ पीछे चोरी-चोरी कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जो देश भर के किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. अभी देश के 90-95 फीसद किसानों पता ही नहीं है कि उनके साथ क्या धोखा हो गया है? जब पीएम मोदी के निर्णय देश के सामने आएंगे, तो ढेरों किसानों के सामने आत्महत्या करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प के दबाव में अमेरिका से भारत आने वाली कपास (काटन) पर 19 अगस्त से 30 सितंबर तक इंपोर्ट ड्यूटी माफ करने का निर्णय लिया. इसके बाद 28 अगस्त को केंद्र सरकार ने ट्रम्प के आगे घुटने टेकते हुए अमेरिकी कपास पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को 31 दिसंबर तक नहीं लगाने का निर्णय लिया है. जबकि अभी तक अमेरिका से भारत आने वाली कपास पर 11 फीसद ड्यूटी लगती थी.
अमेरिकी कपास 15-20 फीसदी सस्ती हो जाएगी तो हमारे कहां जाएंगे?- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 11 फीसद ड्यूटी लगने की वजह से अमेरिका से आने वाली कपास की तुलना में भारत के किसानों द्वारा उगाई जाने वाली कपास सस्ती पड़ती थी. इसलिए भारत के किसानों द्वारा उगाई गई कपास यहां की मंडियों में आसानी से बिक जाती थी. अब मोदी सरकार ने अमेरिका से आने वाली कपास पर लगने वाली 11 फीसद ड्यूटी को 31 दिसंबर 2025 तक के लिए हटा दी है. आखिर मोदी सरकार ने पहले 40 दिनों के लिए और फिर 31 दिसंबर तक इंपोर्ट ड्यूटी क्यों हटाई है और यह किसानों के साथ कैसे बहुत बड़ा धोखा है? इसकी वजह बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका से जो कपास आएगी या आनी चालू हो गई है, वह भारत के किसानों द्वारा उगाई जा रही कपास से 15-20 फीसद सस्ती पड़ रही है. ऐसे में भारत के किसान अपनी कपास बेचने के लिए कहां जाएंगे?
हमारा कपास मंडी में आने से पहले टैक्सटाइल इंडस्ट्री अमेरिका की सस्ती कपास खरीद चुकी होगी- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत के किसानों ने कर्ज लेकर जुलाई में अपनी कपास लगाई है. किसानों ने अपना पैसा लगा दिया है. किसानों की यह कपास अक्टूबर महीने से मंडियों में आनी शुरू होगी. इससे पहले भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री अमेरिका की सस्ती कपास खरीद चुकी होगी और उन्हें हमारे किसानों की कपास की जरूरत ही नहीं होगी. चूंकि यह कपास कुछ महंगी भी होनी और टेक्सटाइल इंडस्ट्री की जरूरत भी पूरी हो चुकी होगी. अक्टूबर में जब हमारे देश के किसानों कपास मंडी में आएगी, तब उसे खरीदने वाला कोई नहीं होगा. ऐसे में किसानों को औने-पौने दाम पर अपनी कपास बेचनी पड़ेगी.
सरकार ने किसानों के पीठ में छुरा घोंप दिया- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल कपास का एमएसपी 7000 रुपए प्रति क्विंटल था, जो कम था. किसानों को मार्केट के अंदर कपास पर एमएसपी मिल ही नहीं रहा था. किसानों को 6 हजार रुपए से भी कम दाम में कपास बेचनी पड़ी थी. इस फैसले से गुजरात के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. विदर्भ, तेलंगाना, पंजाब समेत पूरे देश भर में लाखों-करोड़ों किसान और उनके परिवार इस फैसले से प्रभावित हैं. यह कपास की वो बेल्ट है, जहां किसान सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं. विदर्भ के अंदर सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या करते हैं. इस साल जनवरी से मार्च के बीच तीन महीने में महाराष्ट्र में 767 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इतने गरीब किसानों की मदद करने के बजाय मोदी ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा है.
भारत को भी कपास पर 50 फीसदी टैरिफ लगाना चाहिए- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसद टैरिफ पर कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत के उपर 50 फीसद टैरिफ लगाया है. जब अमेरिका ने गुंडागर्दी करके 50 फीसद टैरिफ लगाया है तो भारत को भी कपास पर ड्यूटी शुल्क 11 फीसद से बढ़ाकर 50 फीसद कर देना चाहिए था. दूसरे देशों ने यही किया है. यूरोपियन यूनियन से अमेरिका जाने वाली कारों पर अमेरिका ने 25 फीसद टैरिफ लगाया तो यूरोपियन यूनियन ने अमेरिका से आने वाली मोटर साइकिल पर 50 फीसद टैरिफ लगाया. इसकी वजह से ट्रम्प को झुकना पड़ा. चीन पर ट्रम्प ने 10 फीसद से 145 फीसद टैरिफ लगाया तो चीन ने 125 फीसद टैरिफ लगा दिया. यहां भी डर कर ट्रम्प को झुकना पड़ा. कनाडा पर ट्रम्प ने 35 फीसद टैरिफ लगाया तो कनाडा ने भी 25 फीसद टैरिफ लगा दिया। यहां भी ट्रम्प को झुकना पड़ा.
क्या मजबूरी है कि वो ट्रम्प को जवाब नहीं दे रहे हैं-केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैक्सिको, कोलंबिया, यूरोपियन यूनियन, चीन की सरकारों ने खड़े होकर बहादुरी से ट्रम्प का जवाब दिया है. ट्रम्प एक कायर और बुझदिल आदमी है. जो देश ट्रम्प के खिलाफ खड़ा हुआ, उस देश के सामने ट्रम्प को झुकना पड़ा. मोदी को पता नहीं क्या मजबूरी है कि वह ट्रम्प के सामने भिगी बिल्ली बने हुए हैं. आज हमारा देश दो तरह से मार खा रहा है. एक तरफ ट्रम्प ने हमारे एक्सपोर्ट पर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया. इसके परिणाम स्वरूप भारत की घरेलू इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर हैं, क्योंकि उनका सारा एक्सपोर्ट बंद हो गया. वहीं, मोदी जी ने अमेरिका से आने वाले माल पर टैरिफ खत्म कर दिया. इससे अमेरिका का सारा माल भारत के बाजार में बिकेगा. इससे हमारे किसान और उद्योगपति सब बर्बाद हो जाएंगे.
पूरा देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री मोदी, ट्रम्प के आगे क्यों झुके हैं?- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अमेरिका ने 50 फीसद टैरिफ लगाया तो भारत को बदले में 100 फीसद टैरिफ लगा देना चाहिए था. क्या भारत कमजोर देश है? भारत 140 करोड़ आबादी वाला देश है. भारत की मार्केट बहुत बड़ी है. कोई भी देश भारत की नाराजगी बर्दाश्त नहीं कर सकता है. दुनिया का हर देश भारत में अपना माल बेचने के लिए बेताब है. अगर हम हिम्मत दिखाते तो ट्रम्प को भारत के आगे झुकना पड़ता. लेकिन मोदी ट्रम्प के आगे झुके हैं. आज पूरा देश जानना चाहता है कि मोदी जी ट्रम्प के आगे क्यों झुके हैं? यह न केवल हमारे उद्योग व रोजगार का मुद्दा है, बल्कि यह भारत के सम्मान का भी मुद्दा है. देश के 140 करोड़ लोग मोदी जी के साथ खड़े हैं. मोदी हिम्मत दिखाएं, पूरा देश उनके साथ खड़ा है.
लोग कह रहे हैं कि अडानी को बचाने के लिए मोदी जी देश को दांव पर लगा रहे हैं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी के ट्रम्प के आगे झुकने को लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. तमाम तरह की अफवाहें फैल रही हैं. लोग कह रहे हैं कि अडानी का अमेरिका में कोई केस चल रहा है. अडानी की गिरफ्तारी होने वाली है. लोग कह रहे हैं कि मोदी और अडानी के बीच बहुत गहरा रिश्ता है और मोदी जी अडानी को बचाने के लिए पूरे देश को दांव पर लगा रहे हैं. यह कितना सच है, मुझे नहीं पता है. लेकिन अगर यह बात सच है तो यह देश के किसानों, उद्योगपतियों और 140 करोड़ लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा है. हम मोदी जी से मांग करते हैं कि अमेरिका से आने वाली कपास से हटाई गई 11 फीसद की ड्यूटी का आदेश तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और अमेरिका से आने वाली कपास पर फिर से 11 फीसद ड्यूटी लगाकर देश के किसानों को बचाया जाए.
50 फीसदी टैरिफ लगाकर ट्रम्प को जवाब देना चाहिए- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 7 सितंबर को आम आदमी पार्टी गुजरात के सुरेंद्र नगर जिले के चोटीला में बहुत बड़ी जनसभा करेगी और किसानों को एकत्रित करेगी. इस जिले में कपास उगाने वाले गुजरात से सबसे ज्यादा किसान रहते हैं. उन्होंने देश भर की पार्टियों और किसान संगठनों से कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सबको एकजुट होकर आवाज उठानी पड़ेगी. किसान बहुत बेबस और गरीब आदमी है. किसानों के साथ हम सभी लोगों को खड़ा होना पड़ेगा. ट्रम्प की गुंडागर्दी और दादागिरी का सामना करने के लिए हमें मुंहतोड़ जवाब देते हुए अमेरिका से आने वाले सामानों पर टैरिफ लगानी चाहिए. अमेरिका ने 50 फीसदी भारत पर टैरिफ लगाया तो मोदी अमेरिका पर 50 फीसदी टैरिफ लगाएं. मोदी को हिम्मत दिखानी चाहिए, लेकिन अगर मोदी यह नहीं कर सकते हैं तो कम से कम कपास के किसानों को बचा लें.
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