एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की कस्टडी में रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपना पहला निर्देश दिया है. दिल्ली सरकार को दिए अपने पहले निर्देश में सीएम अरविंद केजरीवाल ने जल मंत्री आतिशी को राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में पानी और सीवर से संबंधित मुद्दों को हल करने का निर्देश दिया है. बता दें, दिल्ली के सीएम दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में अभी ईडी की गिरफ्त में हैं.
आतिशी ने केजरीवाल का हवाला देते हुए कहा, “जरूरत पड़ने पर उपराज्यपाल से मदद लें, वह आपकी मदद जरूर करेंगे. वह जेल में हैं लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए काम नहीं रुकेंगे. जेल में भी वह दिल्ली के लोगों के बारे में सोच रहे हैं.”
विपक्षी दल करेंगे संयुक्त रैली
इस बीच, विपक्षी भारतीय गुट के नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में "लोकतंत्र के दमन" के खिलाफ खड़े होने के लिए 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक संयुक्त रैली आयोजित करने की योजना की घोषणा की है. अलग-अलग विपक्षी दलों वाले इंडिया ब्लॉक का लक्ष्य केजरीवाल और दांव पर लगे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति एकजुटता और समर्थन दिखाना है.
घोटाले के किंगपिन केजरीवाल?
ईडी ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में चल रही जांच के सिलसिले में पिछले गुरुवार को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने शुक्रवार को उन्हें हिरासत में ले लिया था और कहा कि केजरीवाल जांच के तहत घोटाले के "किंगपिन" थे. ईडी का यह भी आरोप है कि एक्साइज पॉलिसी में बदलाव से मिली रिश्वत का इस्तेमाल गोवा में आप के विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान किया था.
आतिशी ने किए निर्देश साझा
जैसे ही केजरीवाल ने जेल से सरकार को निर्देश दिए, उसके बाद आतिशी ने दिल्ली में पानी और सीवरेज के मुद्दों के समाधान के लिए सीएम के लिखित निर्देश साझा किए. उन्होंने पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी के टैंकर तैनात करने और सार्वजनिक सुविधा सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया. साथ ही आप नेता और दिल्ली के मंत्री गोपाल राय सहित इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने पीएम के कामों पर अपना गुस्सा जताया है और इसे तानाशाही और लोकतंत्र का दमनकारी बताया है.
केजरीवाल के फोन का निपटान
वहीं सोमवार को आम आदमी पार्टी ने जांचकर्ताओं के दावों का जोरदार विरोध किया है. इसमें ईडी ने कहा था कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना पुराना फोन गायब कर दिया है, जिसमें कथित शराब घोटाले के रिकॉर्ड होने की संभावना है. मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि इससे पहले, मामले में सबूत मिटाने के लिए गवाहों द्वारा 170 फोन का निपटान किया गया था.
AAP ने रविवार को दावों का मजाक उड़ाया था.
वहीं, आतिशी ने सोमवार सुबह कहा कि प्रवर्तन निदेशालय एक "स्वतंत्र जांच एजेंसी" है. अगर ईडी को कुछ कहना है, तो उन्हें आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए और न्यायाधीश के सामने कहना चाहिए. मैं ईडी के सभी अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि देश के संविधान और कानून ने आपको कुछ शक्ति दी है. इस संविधान का उल्लंघन न करें.”