Delhi-Dehradun Expressway will soon be open
Delhi-Dehradun Expressway will soon be open दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे तय समय में बन कर तैयार किए जाने की योजना है. पहले ये एक्सप्रेसवे मार्च 2024 तक बनकर तैयार होने वाला था अब ये तारीख बढ़ाकर दिसंबर 2023 हो गयी है. सही समय पर परियोजना को पूरा करने के लिए एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी हफ्ते में एक बार इसका मुआयना भी करेगी. इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि हर महीने सात से आठ फीसदी निर्माण कार्य पूरा किया जाए. बता दें कि ये एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के सामने से शुरू होकर लोनी बॉर्डर होते हुए बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा.
निर्माण कार्य दो चरणों में होगा,पहले चरण में 14.75 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण दिल्ली सीमा में होगा. दूसरे चरण में यूपी (गाजियाबाद) की सीमा में भी करीब 15 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण होना है. जिसका काम तय समय पर शुरू हुआ था लेकिन निर्माण एजेंसी ने करीब आठ महीने से काम बंद कर दिया है.
पूर्वी दिल्ली को जाम से निजात मिलेगी
यह छह लेन वाला एक्सप्रेसवे दिल्ली से लेकर देहरादून के लिए खास माना जा रहा है, इस लेन पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को आपस में जोड़ेगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का मानना है कि इसके तैयार होने से एक तरफ जहां पूर्वी दिल्ली को जाम से निजात मिलेगी, वहीं उत्तराखंड और दिल्ली के बीच पश्चिमी यूपी की सीमा में उद्योगों के विकास में बी मदद मिलेगी, यही वजह है कि पूरे प्रोजेक्ट को आर्थिक गलियारे का नाम दिया गया है.
दिल्ली की सीमा में होगी 12 लेन की सड़क
दिल्ली की सीमा में छह लेन की एलिवेटेड रोड निर्माण के साथ ही उसके नीचे छह लेन का नेशनल हाईवे-709बी भी बनाया जाएगा, इसलिए दिल्ली के जाम से निजात दिलाने के लिए भी ये एक्सप्रेसवे काफी अहम साबित होगा. साथ ही इस एक्सप्रेसवे के बनने से पूर्वी दिल्ली में हर करीब डेढ़ लाख वाहनों का दबाव कम होगा.
बता दें कि इस परियोजना को पूरी करने में कुल लागत 12,300 करोड़ रुपये है, और पूरा होने की समयसीमा दिसंबर 2023 है. इस एक्सप्रेसवे की न्यूनतम ड्राइविंग गति 100 किमी प्रति घंटा है.
रियल एस्टेट पर इसका असर
“दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सड़कों का ना सिर्फ ट्रैफिक कम करेगा, साथ ही आस-पास के आवासीय इलाकों जैसे अक्षरधाम और मयूर विहार में संपत्ति की कीमतों को भी बढ़ावा देगा.
यह परियोजना दिल्ली और ट्रांस-दिल्ली सिग्नेचर सिटी (जिसे पहले ट्रोनिका सिटी के नाम से जाना जाता था) के बीच कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगी, ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद में दिल्ली के उत्तर-पूर्व में मौजूद एक विकासशील आवासीय क्षेत्र है. इसके अलावा गाजियाबाद में मंडोला विहार क्षेत्र को भी इसकी बेहतर बेहतर कनेक्टिविटी से फायदा होगा.